इतिहास खुद को दोहराता है। लेकिन नए रूप में। एक बार फिर कमलम में भाजपा विधायक दल की बैठक में भूपेंद्र पटेल Bhupendra Patel को नेता चुना गया। यह मौका 13 सितम्बर 2021 से अलग था जब घाटलोडिया के विधायक भूपेंद्र पटेल Ghatlodia MLA Bhupendra Patel को विजय रुपाणी के उत्तराधिकारी के तौर पर मुख्यमंत्री चुना गया था। 2022 का चुनाव उनके चेहरे पर लड़ा गया था ,इसलिए उनका चुनाव महज औपचारिकता थी।
सितम्बर 2021में कमलम में जब उनके नाम का एलान हुआ तो सबकी नजर उनकी तरफ घूम गयी थी , लेकिन इस बार उनके चेहरे की मुस्कान ऐतिहासिक विजय को दर्शा रही थी।
156 की ऐतिहासिक जीत के बाद कड़ी सुरक्षा और उत्साह से लबरेज कमलम में सुबह 10 बजे से ही विधायकों का पहुंचना शुरू हो गया था। समय से पहुंचने वालो में ज्यादातर पहली बार जीते विधायक थे। इस बार 53 भाजपा विधायक सदन के सदस्य बने है।
हार्दिक पटेल ,अल्पेश ठाकोर , हर्ष संघवी ,शंकर चौधरी ,ऋषिकेश पटेल ,जैसे विधायक मीडिया के आकर्षण का केंद्र रहे।
11 . 1 5 बजे केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह ,बीएस येदुरप्पा , और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा पहुंचे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल उसके बाद मुख्यमंत्री के साथ आये। स्वागत और मुख्यमंत्री के चुनाव से ज्यादा वरिष्ठ मंत्रियों की दिलचस्पी मंत्रिमंडल के संभावित नामों को लेकर रही।
12. 25 बजे विधायक दल की बैठक शुरू हुयी। वित्त मंत्री कनू देसाई ने विधायक दल के नेता के तौर पर भूपेंद्र पटेल का नाम प्रस्तावित किया जिसे पूर्णेश मोदी, शंकर चौधरी, मनीषा बेन वकील और रमण पाटकर ने समर्थन दिया।
इस तरह बीई सिविल और पूर्व मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल के विश्वासपात्र भूपेंद्र पटेल के नाम का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गया। उन्होंने अहमदाबाद में मेमनगर नगरपालिका के अध्यक्ष , अहमदाबाद नगर निगम और अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण की स्थायी समिति के अध्यक्ष के पद भी संभाले हैं।
इस दौरान भूपेंद्र पटेल ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि गुजरात की जनता ने पिछले 27 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी पर भरोसा किया है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने जनता जनार्दन के भरोसे को न टूटने देने का भी ख्याल रखा है और साथ ही विकास की गति को बनाए रखने में कामयाबी भी हासिल की है. संकल्प पत्र के रूप में दस्तावेज में उल्लिखित सभी मुद्दे जिन्हें भारतीय जनता पार्टी ने लोगों के सामने रखा है, राज्य सरकार की प्राथमिकता में हैं।
62 वर्षीय पटेल ने राज्य में नई सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए रविवार को राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मिलकर सरकार बनाने के दावा पेश किया। गुजरात के कार्यवाहक मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने 10 दिसंबर, 2022 को राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मुलाकात की और भाजपा विधायक दल के नेता के रूप में चुने जाने के दो दिन बाद सरकार बनाने का दावा पेश किया।
गुजरात के कार्यवाहक मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने 10 दिसंबर, 2022 को राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मुलाकात की और भाजपा विधायक दल के नेता के रूप में चुने जाने के दो दिन बाद सरकार बनाने का दावा पेश किया।
मुख्यमंत्री की दूसरी पारी शुरू करने के लिए पटेल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक दल के नेता के रूप में चुने जाने के तुरंत बाद राजभवन पहुंचे ।उनके साथ विधायक कनू देसाई, गणपत वसावा, हर्ष संघवी, जीतू वघाणी पूर्णेश मोदी सहित अन्य भी मौजूद थे, जब पटेल ने राज्यपाल को सरकार बनाने का दावा पेश करने वाला पत्र सौंपा।
गुजरात के कार्यवाहक मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने 10 दिसंबर, 2022 को राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मुलाकात की और भाजपा विधायक दल के नेता के रूप में चुने जाने के दो दिन बाद सरकार बनाने का दावा पेश किया। वह 12 दिसंबर को गांधीनगर में नए सचिवालय के पास हेलीपैड मैदान में एक समारोह में 18वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे।
मंत्रिमंडल के गठन को लेकर दिल्ली में बैठक
राजपाल से सरकार बनाने का निमंत्रण मिलने के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और भाजपा प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल राज्य सरकार के विशेष विमान से दिल्ली रवाना हो गए। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ नए मंत्रीमंडल के नाम पर चर्चा होगी।
राजनीति में तमाम धारणाओं को झूठा साबित करने में माहिर मोदी -शाह की जोड़ी मंत्रीमंडल में चौकाने वाले नाम शामिल कर सकते हैं। जबकि उम्मीद पाले कई नेताओं के नाम सूची से बाहर होगें। नए मंत्रिमंडल में भूपेंद्र पटेल सरकार के कुछ मंत्री काटेंगे।
पटेल सरकार के 20 मंत्रियों को टिकट दिया गया था जिसमें 19 जीतकर आये हैं। वही विजय रुपाणी सरकार के कुछ मंत्रियों की कैबिनेट में वापसी हो सकती है। सोमवार शाम तक मंत्रिमंडल तय हो जायेगा। राज्यपाल के यहा जाने वाले विधायक को मंत्री बनने की चर्चा है।