आज भारत बंद का एलान कर दिया गया है। देश में तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों ने 27 सितंबर को पूर्ण भारत बंद का ऐलान किया है| कांग्रेस और आप समेत डाबेरियो ने बंद का समर्थन किया है। गुजरात में विपक्षी दलों ने भी प्रतिबंध का समर्थन किया है, जिसका राज्य में भी असर होगा। बंद को सफल बनाने के लिए भारतीय किसान संघ पूरी तरह से तैयार है।
हाईवे पर लगेगा ट्रैफिक जाम
भारत बंद की घोषणा के दौरान देशभर के किसान शाम चार बजे तक राजमार्गों पर यातायात रोक देंगे। आंदोलन से जुड़े संगठनों दिल्ली सीमा समेत देशभर में प्रदर्शन करने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के किसान अपने-अपने गांवों या क्षेत्रों में से ही बंद के सहभागी होंगे|
किसान की आक्रामकता
भारतीय किसान संघ के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा है कि उन्होंने श्रमिकों से बंद को सफल बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने की अपील की है| किसान यूनियन ने बंद के दिन मजदूरों से हड़ताल पर उतरने की अपील की है| यूनाइटेड फार्मर्स फ्रंट के नेताओं का कहना है कि अगर पुलिस आंदोलनकारी किसानों को हटाने के लिए कार्रवाई करती है तो किसान जेल जाना पसंद करेंगे लेकिन सड़कें नहीं छोड़ेंगे।
बांध का क्या प्रभाव है?
इस दौरान निजी कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान, दुकानें और व्यावसायिक स्थान बंद रहेंगे। बंद के दौरान एम्बुलेंस और आपातकालीन सेवाओं को नहीं रोका जाएगा। हालांकि मालवाहक ट्रकों और वाहनों को दिल्ली से आने-जाने की इजाजत नहीं होगी.
अंतरराष्ट्रीय दबाव के प्रभारी
मोदी- बाइडेन बैठक के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था की, “दुनियाभर के किसानों के जीवन पर यह अंतरराष्ट्रीय दबाव एक बड़ा खतरा है।” बहुराष्ट्रीय कंपनियां कृषि नीतियों को प्रभावित कर रही हैं। विश्व व्यापार संगठन और मुक्त व्यापार समझौते का भी किसानों पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है। मोदी और बाइडेन के बीच चर्चा की ज्यादा जरूरत थी|
बंद का विपक्षी दलों का समर्थन
कांग्रेस ने भारत बंद को समर्थन देने की घोषणा की है। तो आप नेता राघव चड्ढा ने भी बंद के समर्थन में ट्वीट किया है| इस संबंध में डाबेरियो और तेलुगु देशम पार्टी ने भी भारत बंद का समर्थन किया है।