भारत के टॉप-50 विलफुल डिफॉल्टर्स (Wilful Defaulters) पर बैंकों का करीब 92, 570 करोड़ रुपये बकाया है। यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों का हवाला देते हुए लोकसभा में दी। दरअसल विलफुल डिफॉल्टर वे लोग या कंपनियां होती हैं, जो पैसा होते हुए भी बैंकों को लोन नहीं चुकाते।
उन्होंने बताया कि 7848 करोड़ रुपये के लोन डिफॉल्ट के साथ गीतांजलि जेम्स (मेहुल चोकसी) सबसे बड़ी विलफुल डिफॉल्टर है। कहना न होगा कि मेहुल चोकसी हीरा कारोबारी नीरव मोदी के मामा हैं। इस लिस्ट में दूसरा नाम है इरा इंफ्रा इजीनियरिंग का है, जिसने 5,879 करोड़ रुपये का लोन डिफॉल्ट किया है. अगला नाम Rei Agro का है। उसने बैंकों के 4803 करोड़ रुपये नहीं दिए। इसके बाद नंबर है Concast Steel and Power का। उस पर बैंकों का 4596 करोड़ रुपये बकाया है। इसी तरह ABG Shipyard कंपनी पर 3708 करोड़ रुपये, Frost International पर 3311 करोड़ रुपये का लोन है।
इस सूची में अगला नाम Winsome Diamonds and Jewellery का है, जिसने 2931 करोड़ रुपये का बैंक लोन नहीं चुकाया है। Rotomac Global ने अभी तक 2893 करोड़ रुपये का बैंक लोन नहीं लौटाया है। इनके अलावा Coastal Projects पर करीब 2311 करोड़ रुपये, Zoom Developers पर 2147 करोड़ रुपये का बैंक लोन है।
इसी तरह पिछले 5 सालों में सरकारी बैंक ने माफ किए गए लोन में से महज 1.03 लाख करोड़ रुपये ही रिकवर किए हैं। इनमें से भारतीय स्टेट बैंक (SBI)- 2 लाख करोड़ रुपये, पंजाब नेशनल बैंक (PNB)- 67,214 करोड़ रुपये, आईडीबीआई बैंक (IDBI)- 45,650 करोड़ रुपये, आईसीआईसीआई बैंक (ICICI)- 50,514 करोड़ रुपये, एचडीएफसी बैंक (HDFC)- 34,782 करोड़ रुपये रिकवर किए।
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