सूरत: गुजरात के सूरत में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां कापोदरा स्थित एक हीरा कटाई और पॉलिशिंग यूनिट के 118 कर्मचारी कूलर का पानी पीने के बाद बीमार पड़ गए। जांच में पानी के कूलर से सेल्फॉस (एल्युमिनियम फॉस्फाइड) का एक सीलबंद पैकेट बरामद हुआ, जो आमतौर पर कीटनाशक के रूप में चूहों आदि को मारने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
पुलिस ने इसे जानलेवा साजिश मानते हुए अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या के प्रयास (IPC धारा 307) का मामला दर्ज किया है।
यह घटना मिलेनियम कॉम्प्लेक्स के चौथे माले पर स्थित ‘अनाभ जेम्स’ नामक फैक्ट्री में हुई। प्राथमिकी (FIR) में कहा गया है कि “किसी अज्ञात व्यक्ति ने फैक्ट्री के कर्मचारियों की हत्या के इरादे से कूलर के पानी की टंकी में 10 ग्राम का एक जहरीला सेल्फॉस पैकेट डाल दिया।”
हालांकि राहत की बात यह रही कि पैकेट सीलबंद और अप्रयुक्त था, फिर भी उसकी उपस्थिति ने खतरे की गंभीरता को उजागर कर दिया। घटना के बाद सांस लेने में तकलीफ और पेट दर्द की शिकायत करने वाले सभी 118 कर्मचारियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से तीन की हालत गंभीर है और उन्हें आईसीयू में रखा गया है।
पुलिस उपायुक्त (ज़ोन-1) आलोक कुमार ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए कई टीमें बनाई गई हैं। उन्होंने कहा, “हमने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है। हमारा फोकस इस जहरीले पैकेट की पूरी सप्लाई चेन को ट्रेस करने पर है। इसके बैच नंबर के आधार पर यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह पैकेट सूरत में कहां से और कब पहुंचा।”
पुलिस को जानकारी मिली है कि यह बैच 21 मार्च को सूरत पहुंचा था। इसके बाद अधिकारियों ने उन सभी दुकानों और डीलरों के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं, जहां यह बैच पहुंचाया गया था।
हीरा यूनिट में लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कुछ संदिग्ध लोगों की गतिविधियां देखी गई हैं, खासतौर पर कूलर के आसपास। इनमें से कुछ लोग अभी अस्पताल में भर्ती हैं और उनके ठीक होने के बाद उनसे पूछताछ की जाएगी।
घटना के समय यूनिट में कुल 150 कर्मचारी मौजूद थे, जिनमें से 118 बीमार हुए। पुलिस अब उन 32 अन्य कर्मचारियों की भी जांच कर रही है, क्योंकि आशंका है कि साजिशकर्ता उनमें से कोई हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, फैक्ट्री मालिक और उसके भतीजे से भी पूछताछ की जा सकती है, क्योंकि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
किरण अस्पताल में भर्ती 104 मरीजों में से 84 को गुरुवार को छुट्टी दे दी गई, जबकि तीन कर्मचारी अब भी आईसीयू में हैं। अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. मेहुल पंचाल ने बताया कि “आईसीयू में भर्ती मरीजों की स्थिति स्थिर है, लेकिन उन पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।”
पुलिस ने कहा है कि वह हर एंगल से जांच कर रही है और आंतरिक विवाद या किसी प्रकार की साजिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
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