2008 मालेगांव बम धमाके मामले में एक नया मोड़ आ गया है | कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई के दौरान मंगलवार को एक गवाह मुकर गया. बयान से मुकरने वाला अब तक ये 15वां गवाह है. गवाह ने कोर्ट को बताया कि विस्फोट के बाद उसे 07 दिनों तक एटीएस कार्यालय में रखा गया था और उसके बाद एटीएस ने उसके परिवार के सदस्यों को प्रताड़ित करने और उन्हें फंसाने की धमकी दी थी.इस दौरान खास बात ये रही कि इस गवाह ने मुंबई की विशेष एनआईए अदालत को बताया कि मामले की तत्कालीन जांच एजेंसी एटीएस ने उसे प्रताड़ित किया था. उसने कोर्ट को बताया कि विस्फोट के बाद उसे 07 दिनों तक एटीएस कार्यालय में रखा गया था और उसके बाद एटीएस ने उसके परिवार के सदस्यों को प्रताड़ित करने और उन्हें फंसाने की धमकी दी थी |
इस गवाह ने मुंबई की विशेष एनआईए अदालत को बताया कि मामले की तत्कालीन जांच एजेंसी एटीएस ने उसे प्रताड़ित किया था. उसने कोर्ट को बताया कि विस्फोट के बाद उसे 07 दिनों तक एटीएस कार्यालय में रखा गया था और उसके बाद एटीएस ने उसके परिवार के सदस्यों को प्रताड़ित करने और उन्हें फंसाने की धमकी दी थी.साथ ही गवाह ने बताया कि एटीएस ने उसे योगी आदित्यनाथ , इंद्रेश कुमार, देवधर और काकाजी जैसे आरएसएस के पांच लोगों का नाम लेने के लिए मजबूर किया गया था.बता दें, इससे पहले अगस्त महीने में लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के खिलाफ बयान देने वाला गवाह मुकर गया था. जिसके बाद विशेष एनआईए अदालत ने उसे पक्षद्रोही करार दिया था. लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के अलावा इस मामले के अन्य आरोपी भोपाल से भाजपा की लोक सभा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, अजय रहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी है. यह सभी जमानत पर हैं और गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) और भादंवि के प्रावधानों के तहत मुकदमे का सामना कर रहे हैं.