पिछले पांच वर्षों में चुनावी बॉन्ड (electoral bonds) के माध्यम से राजनीतिक फंडिंग (political funding) पर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association for Democratic Reforms) की एक रिपोर्ट बताती है कि गुजरात (Gujarat) में बीजेपी (BJP) को कुल योगदान का 94 प्रतिशत हिस्सा मिला है।
रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2018 से अक्टूबर 2022 तक सभी दलों को कुल मिलाकर 174 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जिसमें बीजेपी का हिस्सा 163 करोड़ रुपये था। जबकि, कांग्रेस को 10.5 करोड़ रुपये और आम आदमी पार्टी को 32 लाख रुपये मिले हैं। अन्य दलों को 20 लाख रुपए मिले।
कुल 1,571 चंदे में से बीजेपी को 1,519 मिले। राष्ट्रीय स्तर पर, बीजेपी को 2017-18 के बाद से खरीदे गए सभी चुनावी बांडों का 65% या दो-तिहाई प्राप्त हुआ।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association for Democratic Reforms) एडीआर को एसबीआई की गांधीनगर शाखा (SBI Gandhinagar branch) से एक आरटीआई सवाल का जवाब मिला, जिसमें कहा गया था कि 343 करोड़ रुपये के 595 बांड खरीदे गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड – उनमें से 87-5 करोड़ रुपये के 137 – अप्रैल 2019 में खरीदे गए थे।
इन बांडों का सबसे आम मूल्यवर्ग 1 करोड़ रुपये था, इसके बाद 10 लाख रुपये थे।
रिपोर्ट में कहा गया है, “पांच साल की अवधि में राजनीतिक दलों को मिले कुल कॉरपोरेट चंदे (4,014.58 करोड़ रुपये) में से 4 फीसदी या 174 करोड़ रुपये गुजरात से आए।” उन्होंने कहा कि 74.3 करोड़ रुपये प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट नामक संस्था से आए। गुजरात की छह कंपनियों ने इस ट्रस्ट के जरिए डोनेशन दिया।
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