कंपनी के सह-संस्थापक और बोर्ड के सदस्यों के बीच बड़ा विवाद होने से पहले तक अशनीर ग्रोवर और यूनिकॉर्न स्टार्टअप भारतपे के उदय को भारतीय उद्यमियों की सफलता की एक प्रेरक कहानी के रूप में माना जाता था।
भारतपे के अधिकारियों पर उन्हें निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए अशनीर ग्रोवर ने इस्तीफा दे दिया है। पेमेंट वाले स्टार्टअप ने अपने सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर को कथित ‘कदाचारों’ के लिए सभी पदों से हटाकर पलटवार किया। इतना ही नहीं, वह आगे कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है, जिसमें उनकी कुछ हिस्सेदारी वापस लेना भी शामिल है।
पेमेंट वाले स्टार्टअप के बोर्डरूम में चली भयंकर लड़ाई के प्रमुख कारण इस तरह हैं-
अशनीर ग्रोवर का इस्तीफा
भारतपे के सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर ने प्रबंध निदेशक और बोर्ड निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया है। अपने कड़े शब्दों वाले इस्तीफे ग्रोवर ने कथित तौर पर उन्हें निशाना बनाने के लिए भारतपे के अधिकारियों पर तीखा हमला किया है।
ग्रोवर ने लिखा, “मैं दुख के साथ यह लिख रहा हूं कि मैंने जो कंपनी बनाई, मुझे उसी को छोड़ना पड़ रहा है। हालांकि मुझे इस बात का गौरव है कि आज भारतपे फिनटेक की दुनिया में लीडर है। इस साल की शुरुआत से मुझे और मेरे परिवार को आधारहीन बातों में उलझाया गया। कंपनी में जो भी ऐसे लोग हैं, वे मेरी छवि खराब करना चाहते हैं। वे कंपनी को प्रोटेक्ट करने का दिखावा भले ही कर रहे हैं, लेकिन वे भारतपे को भी नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।”
सिंगापुर कोर्ट में झटका
ग्रोवर ने बोर्ड की जांच से बचने के लिए सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (एसआईएसी) में याचिका दायर की। हालांकि एसआईएसी ने ग्रोवर की याचिका खारिज कर दी। ग्रोवर के इस्तीफा देने के बाद यह उनके लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ।
अशनीर ग्रोवर की पत्नी बर्खास्त
एक और झटका तब लगा, जब ग्रोवर की पत्नी और फिनटेक यूनिकॉर्न में पूर्व कार्यकारी प्रमुख माधुरी जैन की सेवाओं को भारतपे द्वारा वित्तीय अनियमितताओं और पैसे की हेराफेरी के आरोपों के आधार पर समाप्त कर दिया गया।
भारतपे का पलटवार
भारतपे, जो दुकान मालिकों को क्यूआर कोड के माध्यम से डिजिटल भुगतान करने की अनुमति देता है, ने एक बयान में कहा कि ग्रोवर ने आगामी बोर्ड बैठक के लिए एजेंडा प्राप्त करने के बाद इस्तीफा दे दिया, जिसमें उनके आचरण के बारे में स्वतंत्र ऑडिट करना शामिल था। कंपनी ने आरोप लगाते हुए कहा, “ग्रोवर परिवार और उनके रिश्तेदार कंपनी के फंड के व्यापक हेराफेरी में लिप्त हैं, जिसमें नकली विक्रेता बनाना शामिल है। यह इन्हीं तक सीमित नहीं है, जिसके माध्यम से उन्होंने कंपनी के खाते से पैसे निकाल लिए और कंपनी के खर्च खातों का घोर दुरुपयोग किया, ताकि खुद को समृद्ध बनाया जा सके और शानदार जीवन शैली जीया जा सके।”
एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, चूंकि ग्रोवर ने बोर्ड और बहुसंख्यक निवेशकों की मंजूरी के बिना इस्तीफा दे दिया, इसलिए शेयरधारक समझौते के तहत परिणाम अब शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा, इसका मतलब यह हो सकता है कि कंपनी के पास 1.4 प्रतिशत तक के शेयरों को वापस लेने का अधिकार है।
अशनीर ग्रोवर-भारतपे का झगड़ा जारी रहेगा?
भारतपे में ग्रोवर की फिलहाल 9.5 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि उनके सह-संस्थापक शाश्वत नाकरानी की 7.8 फीसदी हिस्सेदारी है। निवेशक सिकोइया कैपिटल इंडिया 19.6 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ भारतपे में सबसे बड़ा शेयरधारक है। इसके बाद Coatue के पास 12.4 प्रतिशत और रिबिट कैपिटल के पास 11 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
कंपनी के बयान में व्यक्तिगत हमले से हैरान हैं भी और नहीं भी
ग्रोवर ने कहा कि वह कंपनी के बयान में व्यक्तिगत हमले से हैरान हैं भी और नहीं भी। उन्होंने कहा, “यह व्यक्तिगत घृणा और संकीर्ण सोच की वजह से है।” उन्होंने कहा, “मैं जानना चाहता हूं कि अमरचंद, पीडब्ल्यूसी और एएंडएम में से किसने अपनी जीवनशैली के ‘भव्यता’ पर ऑडिट करना शुरू कर दिया है?”
बताया जाता है कि ग्रोवर ने भारतपे के बोर्ड के सदस्यों और निवेशक सिकोइया कैपिटल पर कई आरोप लगाए हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, ग्रोवर ने कहा है कि अगर वह बोलना शुरू कर दें, तो सिकोइया भारत में एक भी निवेश नहीं कर पाएंगे। इतना ही नहीं, ईडी और सीबीआई भी उनके पीछे पड़ जाएगी।