गुजरात विधानसभा (Gujarat Assembly) के बजट सत्र (Budget session) के पहले दिन गुजरात सरकार द्वारा लाये गए पेपर लीक निरोधक प्रस्तावित कानून पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पूर्व प्रदेश प्रमुख अर्जुन मोढवाडिया (Arjun Modhwadia)ने बिल का मसौदा तैयार करने में सरकारी अधिकारियों द्वारा की गई गलती का पर्दाफाश किया. इस दौरान उन्होने अपने तर्कों से बिल के कई पहलुओं को ना केवल उजागर किया बल्कि अपने छात्र जीवन को याद करते हुए वह भावुक भी हो गए।
गुजरात विधानसभा के तीसरी बार सदस्य बने पूर्व नेता विरोधपक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने इस दौरान कहा कि गुजरात सरकार स्कूल बोर्ड और विश्वविद्यालय सहित शैक्षणिक संस्थानों की परीक्षा में कदाचार करने वाले छात्र के खिलाफ कानून के तहत दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए पुलिस को अधिकार देने जा रही है। भारत सहित दुनिया के किसी भी देश में मानवीय मूल्यों को समर्पित लोकतंत्र में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है , क्योंकि छात्रों को सुधारने और उस पर दंडात्मक कार्रवाई करना शिक्षकऔर उस संस्थान का अधिकार है।
इस तर्क के पक्ष में उन्होंने अपने छात्र जीवन को याद करते हुए मोरबी कॉलेज के अतीत में खो गए . तत्कालीन प्राचार्य प्रोफेसर और एन.बी. वासाणी , उमाशंकर जोशी जैसे आदर्श व्यक्तित्वों को याद करते हुए मोढवाडिया का गला रुंध गया और आंखें नम हो गईं।
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