मुंबई: अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (APSEZ) भारत के दिवालिया कानून (bankruptcy law) के तहत कर्ज में डूबी पोर्ट कंपनी कराईकल पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड को 1,500 करोड़ रुपये में खरीदने के लिए चेन्नई में दिवालिया कोर्ट (bankruptcy court) की मंजूरी का इंतजार कर रहा है। यह बात APSEZ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी यानी सीईओ करण अडाणी ने कही है।
उन्होंने कहा, “दिवालिया अदालत के माध्यम से हम कराईकल पोर्ट को 1,500 करोड़ रुपये के कैपेक्स पर ले रहे हैं। हम बंदरगाह के लिए सबसे ऊंची बोली लगाने वाले हैं और लेनदारों की समिति ने हमारी बोली को मंजूरी दे दी है।”
यह पहली बार है जब APSEZ ने दिसंबर 2022 में ओमकारा एसेट्स रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (ओमकारा एआरसी) के ऋणदाताओं के पैनल (lenders panel) द्वारा अपनी बोली को मंजूरी दिए जाने के बाद अधिग्रहण (acquisition ) मूल्य का खुलासा किया है।
उम्मीद है कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की चेन्नई बेंच अगले कुछ महीनों में APSEZ द्वारा प्रस्तुत समाधान योजना (resolution plan) को मंजूरी दे देगी।
वैसे कराईकल बंदरगाह के रेजलुशन प्रोफेशनल राजेश शेठ ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
यह सौदा APSEZ, अहमदाबाद स्थित समूह की बंदरगाह इकाई और भारत के सबसे बड़े निजी बंदरगाह संचालक को भारत के बंदरगाह क्षेत्र पर अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद करेगा, जहां यह पश्चिमी और पूर्वी समुद्री तट पर फैले 12 बंदरगाहों/टर्मिनलों को नियंत्रित करता है। इन बंदरगाहों/टर्मिनलों की संयुक्त रूप से 580 मिलियन टन (mt) कार्गो को संभालने की क्षमता है।
APSEZ ने FY22 में 58 प्रतिशत की क्षमता उपयोग पर 312 मिलियन टन कार्गो को संभाला।
2026 तक पोर्ट ऑपरेटर का लक्ष्य 500 मिलियन टन कार्गो को संभालना है और 2030 तक दुनिया के सबसे बड़े पोर्ट ऑपरेटर और भारत की सबसे बड़ी परिवहन उपयोगिता के रूप में उभरना चाहता है।
कराईकल पोर्ट महाराष्ट्र में दिघी बंदरगाह के बाद भारत के दिवालिया कानून के तहत APSEZ का दूसरा बंदरगाह अधिग्रहण होगा।
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