भारत के लिए यह उत्साहवर्धक स्थिति है। एपल ने यहां आईफोन 13 का उत्पादन शुरू करने की घोषणा की है। आईफोन का निर्माण दक्षिणी तमिलनाडु में फॉक्सकॉन के स्वामित्व वाले संयंत्र में किया जाएगा। फॉक्सकॉन दरअसल एपल की ताइवानी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी यहां आईपैड टैबलेट भी असेंबल कर सकती है। वैसे कुछ रिपोर्टों के मुताबिक, आईफोन जरूर भारत में बनाया जाएगा, लेकिन प्रो-वर्जन अभी भी आयात किया जाएगा।
कंपनी के इस कदम के पीछे वजह है। अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी दरअसल चीनी आपूर्ति श्रृंखला पर अपनी निर्भरता कम करना चाहती है। एपल चीन से कुछ आईफोन उत्पादन को स्थानांतरित करने के लिए विभिन्न देशों की ओर देख रही है। भारत में उत्पादन शुरू करने के कंपनी के फैसले का मतलब है कि भारत को तेजी से एक ऐसे देश के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें विनिर्माण केंद्र बनने की अपार संभावनाएं हैं।
काउंटरप्वाइंट रिसर्च के अनुसार, 2021 में भारत में एपल के वैश्विक विनिर्माण आधार का लगभग 3.1% हिस्सा था, जो 2020 में 1.3% से एक निश्चित वृद्धि है। 2022 में यह संख्या लगभग 7% होने का अनुमान है।
पिछले कुछ वर्षों में चीन पर अत्यधिक निर्भरता ने अमेरिकी टेक दिग्गजों के लिए बहुत सारी समस्याएं पैदा की हैं। गौरतलब है कि भारत, वियतनाम और मैक्सिको जैसे देश विनिर्माण आधार स्थापित करने के लिए पसंदीदा देशों में से हैं।
फिर भी, भारत को चीन से मुकाबला करने के लिए निर्यात-अनुकूल नीतियों के साथ-साथ बुनियादी ढांचे के निर्माण पर काम करना होगा। मजबूत घरेलू बाजार का होना भी एक आवश्यक कारक होगा।