पंजाब Punjab नूड्स वीडियो केस( Nudes Video Case )के बाद गुजरात Gujarat के आदिवासी इलाके धरमपुर के सरकारी छात्रावास (Government hostel of tribal area Dharampur )में 600 छात्राओ के कथित तौर से वीडियों बनाने का मामला प्रकाश में आने के बाद अभिभावकों (Parents )का आक्रोश फूट कर बाहर आ रहा है। अभिभावकों ने नाराजगी हॉस्टल का घेराव कर विरोध प्रदर्शन(Protest )भी किया साथ ही पुलिस थाने में भी जाकर अपना पक्ष रखा है।शिकायत के मुताबिक रसोइयों (Cooks )ने छात्रों से अश्लील मांग भी की। छात्राओ को रसोइयों ने ” एक रात मेरे साथ सोयेगी ” जैसे अश्लील कमेंट (Obscene Comments )करते थे ।
मिली जानकारी के मुताबिक धरमपुर के ओझरवाड स्थित कन्या साक्षरता आवासीय शाला में 634 छात्राये रहकर अध्ययन करती है , जिसमे ज्यादातर छात्राये आदिवासी है। छात्राओ के खाना बनाने के लिए 7 पुरुष रसोइये रखे गए थे। पिछले कुछ महीनों से वह लगातार छात्रों पर अश्लील टिप्पणियां कर रहे थे। बाद में उन्होंने कई छात्राओ को ” एक रात सोने के लिए आती है क्या “जैसे कमेंट्स करने लगे। पहले छात्राएं खामोश रही ,लेकिन बाद में उन्हें शक हुआ कि नहाने के दौरान उनका वीडियों बनाया जा रहा है , जिसके बाद उन्होंने मामले की जानकारी परिजनों को दी।
धरमपुर तालुका पंचायत सदस्य और इस मामले को लेकर छात्रावास का घेराव करने वाले कल्पेश पटेल (kalpesh patel )ने वाइब्स आफ इंडिया (Vibes of India )से 7 रसोइये कठियावाड के थे ,वह भाग गए है। छात्रों नहाते समय वीडियो बनाया जाता था, अश्लील कमेंट्स किया जाता था। शिकायत करने पर उनको परेशान किया जाता था। वही एक छात्रा के अभिभावक ने वाइब्स आफ इंडिया से कहा कि उनकी बेटी पढाई छोड़ने की बात कर रही है उसे डर है कि कही उसका वीडिओ सार्वजनिक ना कर दिया जाये।
वाइब्स आफ इंडिया (Vibes of India ) के पास शिकायत की कॉपी है जिसमे आरोपियों के तत्काल गिरफ्तारी की मांग की गयी है। छात्रावास में अभिभावकों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस आयी और कुछ अग्रणियों को पुलिस स्टेशन ले जाकर शिकायत ली है ,लेकिन एफआईआर अभी तक दर्ज नहीं हुयी है। धरमपुर पीएसआई नितेश कुमार सागर के मुताबिक कोई वीडियो अभी तक पेश नहीं किया गया है ,इसलिए एफआईआर जाँच के बाद दर्ज की जायेगी। वही आचार्य नीमा बेन चौधरी के मुताबिक उन्हें कुछ पता नहीं है।
जबकि वाइब्स आफ इंडिया के पास छात्राओं के हस्ताक्षर युक्त कॉपी है जो 19 तारीख को दी गयी है , लेकिन आचार्य ने पुलिस शिकायत की बजाय आरोपी रसोइयों को भागने का मौका दिया।
छात्राओं ने रसोइये की जब भी शिकायत करने की कोशिश की उन पर अलग अलग तरह से दंड लगाया जाता था , जैसे पंखा चालू रखने पर 5 रुपया। इस तरह छात्रों को दबाने की कोशिश की गयी।
GUJCTOC संशोधन बिल पारित: पिछले साल 740 से अधिक गिरफ्तारियां, 6,500 करोड़ रुपये की दवाएं भी जब्त