अहमदाबाद नगर निगम (AMC) को अगस्त 2022 में भूजल स्तर को बढ़ावा देने और मनोरंजन के लिए नए क्षेत्रों को विकसित करने के लिए शहर में 81 सरकारी स्वामित्व वाली झीलें दी गई थीं। लेकिन शहर में 598 गैर-पंजीकृत (unregistered) बोरवेलों से प्रतिदिन गलत तरीके से पानी निकाला जा रहा है।
उसी को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय भूजल बोर्ड (CGWB) ने अब अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें निगम को “बोरवेल रजिस्ट करने और स्रोत से पानी निकालने से पहले अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेने का निर्देश दिया गया है।
यह वृद्धि एएमसी को कई चेतावनियों के बाद आई है, जो शहर में भूजल का सबसे बड़ा कंज्यूमर है। दिसंबर 2018 में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने बोरवेल के अनिवार्य पंजीकरण की मांग करते हुए एक गजट अधिसूचना जारी की थी। फालोअप के रूप में CGWB ने 2019 में नगर आयुक्त को एक नोटिस भेजा, जिसमें बताया गया था कि रजिस्ट्रेशन अभी बाकी ही है।
“फिर महामारी और लॉकडाउन का समय आ गया। इस दौरान मामले पर ध्यान कम था। हालांकि, पिछले साल इस मुद्दे ने फिर से गति पकड़ी और आखिरकार सितंबर 2002 में CGWB ने GIDC के भीतर 10 किलो लीटर और उससे अधिक की दैनिक खपत वाले अथॉरिटी या इकाइयों के लिए NOC को अनिवार्य कर दिया। तब से बोर्ड को इंडस्ट्रियल और कमर्शियल इकाइयों से लगभग 10,000 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 4,000 को प्रोसेस किया गया है। इसके विपरीत, सीजीडब्ल्यूबी को आवासीय सोसायटियों से केवल 10 आवेदन प्राप्त हुए। जबकि एएमसी ने शहर में काम कर रहे 598 बोरवेल के साथ ऐसा कोई अनुरोध प्रस्तुत नहीं किया। यह जानकारी निगम के जल विभाग के सीनियर अधिकारी ने ही दी है।
598 बोरवेलों में से 309 को अलग/छोड़ दिया गया है जबकि 289 से पानी निकाला जाता है और नगर निगम के जल वितरण स्टेशनों को भेजा जाता है। कुल मिलाकर, एएमसी बोरवेल से प्रतिदिन लगभग 110 मिलियन लीटर (एमएलडी) पानी निकालता है, जबकि यह लगभग 300 एमएलडी निकालने के लिए है।
इसके अलावा, एएमसी लगभग 72 लाख की आबादी को पानी देता है। शहर में 4,500 किमी का पेयजल नेटवर्क बिछाया गया है।
जीसीडब्ल्यूबी ने हाल ही में 2022 के लिए ब्लॉक-वार असेसमेंट रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में देश के सभी 7,089 ब्लॉकों की स्थिति का विवरण है, जिनमें से 252 गुजरात में हैं। इनमें से 189 सुरक्षित श्रेणी में हैं, जबकि 23 को “अति-शोषित” (over-exploited) श्रेणी में रखा गया है।
अहमदाबाद, उत्तरी गुजरात और कच्छ ब्लॉक को अति-शोषित समूह में शामिल किया गया है।
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