रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुलेट ट्रेन का किराया फर्स्ट एसी के बराबर रखने के संकेत दिए हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि किराए को लेकर सरकार ने अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। फिर भी यह किराया आम लोगों की पहुंच में होगा। बुलेट ट्रेन के किराये के लिए एसी फर्स्ट क्लास को आधार बनाया जा रहा है, जो बहुत ज्यादा नहीं है। यह फ्लाइट से कम होगा और सुविधाएं भी अच्छी मिलेंगी। उन्होंने यह दोहराया कि किराया प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद ही तय किया जाएगा। वर्तमान में मुंबई और अहमदाबाद के बीच फर्स्ट एसी का किराया, ट्रेनों के आधार पर 2,000 रुपये से 2,400 रुपये के बीच है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की प्रगति को देखने के लिए सूरत गए थे। उन्होंने तब मीडिया से बातचीत में विश्वास जताया कि 2026 में गुजरात के सूरत और बिलिमोरा के बीच देश की पहली बुलेट ट्रेन चलाने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा, क्योंकि इस दिशा में अच्छी प्रगति हो रही है।
रेल मंत्री ने कहा कि चीन ने केवल 115 किलोमीटर लंबी पहली हाई-स्पीड रेल परियोजना का निर्माण किया था। इससे सीख लेते हुए चीन ने देश में एक विशाल हाई-स्पीड रेल नेटवर्क स्थापित किया है। वापी और साबरमती के बीच हमारी 352 किलोमीटर लंबी लाइन में सूरत, वडोदरा और अहमदाबाद के तीन बड़े शहरों में इतना ट्रैफिक है कि मुंबई के लिए इंतजार करने की जरूरत ही नहीं है। इससे काफी जानकारी मिलेगी।
बुलेट ट्रेन मोदी सरकार की पसंदीदा परियोजनाओं में से एक है। मुंबई से अहमदाबाद तक परियोजना निश्चित रूप से भारतीय रेलवे द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों की बदौलत अपने रास्ते पर है। लेकिन इससे जुड़ी उच्च लागत को देख हर कोई सोच रहा है कि क्या आम आदमी वास्तव में बुलेट ट्रेन का सफर करने के लिए किराया दे सकेगा।