अहमदाबादः गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद से मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान देने और केंद्र सरकार के लक्ष्यों को प्राप्त करने के साथ-साथ अपनी दूसरी पारी के लिए लक्ष्य तय कर लिया है। खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को “पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था” बनाने वाले लक्ष्य को पूरा करने के लिए कमर कस ली है। पहली बार विधायक बनते ही वह पिछली बार राज्य में शीर्ष पद पर बैठे थे। अब आत्मविश्वास से भरे पटेल ने अपने दूसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट ब्रीफिंग में ही “100 दिनों के लिए लक्ष्य” तय कर लिए हैं।
पटेल 1998 के बाद से राज्य में दूसरी सबसे छोटी भाजपा सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। इसमें पिछले कार्यकाल की तुलना में सिर्फ 16 मंत्री हैं। पहले कार्यकाल में उनके पास 24 सदस्यीय मंत्रिमंडल था। पिछले कार्यकाल में अकेले पटेल के पास 13 विभाग थे। अब मद्यनिषेध और उत्पाद शुल्क (Prohibition and Excise), विज्ञान और टेक्नोलॉजी के अतिरिक्त विभागों समेत कुल 18 हो गए हैं।
चूंकि नई सरकार ने 12 दिसंबर को शपथ ली थी, इसलिए उसने नई विधानसभा का पहला सेशन सिर्फ दो दिनों का बुलाया था। इसमें केवल एक बिल- अवैध अचल संपत्ति निर्माण को नियमित करने (regularising illegal real estate constructions) का सर्वसम्मति से पारित किया गया था।
पटेल मंत्रिमंडल ने हाल ही में राज्य भर में गुजरात औद्योगिक विकास निगम (जीआईडीसी) द्वारा चलाए जा रहे औद्योगिक क्षेत्रों में अनधिकृत भवनों को नियमित करने की एक योजना की घोषणा की। उद्योग, विशेष रूप से एमएसएमई द्वारा उठाए गए इस कदम की सराहना की गई, क्योंकि इससे लगभग 30,000 अवैध संरचनाओं को नियमित करने में मदद मिलेगी।
पिछले कार्यकाल में दो मंत्रियों को सरकार के प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया था। इनमें से राजेंद्र त्रिवेदी से कुछ शिकायतों के बाद प्राथमिक पोर्टफोलियो राजस्व (revenue) ले लिया गया था। अपने दूसरे कार्यकाल में उन्होंने अब तक केवल एक प्रवक्ता- कानून और स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल को नियुक्त किया है।
दो हाई-प्रोफाइल रिटायर नौकरशाहों- हसमुख अधिया और एसएस राठौर को मुख्यमंत्री का सलाहकार नियुक्त किया गया है। दोनों को विशेष काम दिए गए हैं। केंद्र सरकार में पूर्व वित्त सचिव अधिया को मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है, जबकि सड़क और भवन विभाग के रिटायर सचिव राठौर को दूसरे सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है।
राज्य सरकार और उसके कामकाज पर पैनी नज़र रखने वालों के अनुसार, “ये दो हाई-प्रोफाइल नियुक्तियां राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट रूप से बताती हैं– राज्य की अर्थव्यवस्था और इसके बुनियादी ढांचे को मजबूत करना। चुनाव के समय इस मसले पर बहुत आलोचना का सामना करना पड़ा था। खासकर मानसून के बाद राज्य की सड़कों की स्थिति के लिए, जो अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने कहा, ‘अगले बजट का फोकस लॉन्ग टर्म प्लानिंग पर होगा। सभी विभागों को कहा गया है कि वे बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान देने के साथ गुजरात को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य के अनुसार अपनी योजना बनाएं।
गुजरात को पर्यटन और शहरी क्षेत्रों पर G-20 की 15 बैठकों की मेजबानी भी करनी है। यह जनवरी के अंत में शुरू होने वाली हैं। उनका प्रचार पहले ही शुरू हो चुका है। राज्य सरकार ने अपनी आधिकारिक स्टेशनरी को G-20 लोगो के साथ फिर से डिज़ाइन किया है, और लोगो और नारे वेबसाइटों के लैंडिंग पेज पर छप भी गए हैं।
राज्य सरकार भी खुद को एक जन-समर्थक प्रशासन के रूप में पेश करने की इच्छुक है। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक सप्ताह के सोमवार और मंगलवार को उन दिनों के रूप में निर्धारित किया है, जब लोग और साथ ही निर्वाचित प्रतिनिधि बिना किसी पूर्व नियुक्ति के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों से मिल सकते हैं।
इसके अलावा, राज्य सरकार ने एक व्हाट्सएप नंबर लॉन्च किया है, जिस पर लोग अपने सुझावों और शिकायतों के साथ सीधे सीएम कार्यालय को लिख सकते हैं। इसके अलावा, सीएम डैशबोर्ड एप्लिकेशन के तहत गुजरात के सभी आठ नगर निगमों में एक शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित की गई है। पटेल ने कहा कि इसके जरिए किसी नागरिक की शिकायत के समाधान में लगने वाले समय पर वार्ड स्तर पर निगरानी की जा सकती है।
सरकार ने साहूकारों के खिलाफ एक मेगा अभियान शुरू किया है, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को लोक दरबार आयोजित करने और इस संबंध में शिकायतें एकत्र करने के निर्देश दिए गए हैं। 13 जनवरी तक, राज्य भर में 762 व्यक्तियों के खिलाफ 464 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं। रोजगार एक और मुद्दा है, जिसे सरकार ने संबोधित करने में रुचि दिखाई है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘आने वाले दिनों में आपको रोजगार के मामले में इस राज्य सरकार की और पहलों के बारे में सुनने को मिलेगा। कई सरकारी विभाग और निकाय भर्ती अभियान चलाएंगे। सरकार उन सभी मुद्दों पर काम करेगी, जिनका उसने चुनाव के दौरान सामना किया है।”
राजनीतिक रूप से भाजपा के एक अंदरूनी सूत्र ने स्वीकार किया कि सरकार उन सभी मुद्दों को कुंद करने पर काम कर रही है, जो विपक्ष, विशेष रूप से आम आदमी पार्टी ने हाल के चुनावों के दौरान उठाए थे।
अगर पिछले कार्यकाल में पटेल सरकार को आवारा मवेशियों को नियंत्रित करने के लिए बिल वापस लेना पड़ा था, तो इस बार सरकार ने लगभग 50,000 बैलों को बधिया करने और गौमाता पोषण योजना के तहत सहायता प्राप्त करने वाले संगठनों द्वारा चलाए जा रहे पशु बाड़े में उनका पुनर्वास करने की परियोजना की घोषणा की है।
Also Read: अहमदाबाद में पिछले साल रिकॉर्ड 39,989 जोड़े बंधे शादी के बंधन में