अरूणाचल प्रदेश की सीमा में चीन के बढ़ती दखल के बीच एक भारतीय युवक को चीनी सेना द्वारा अगवा किये जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है | कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सर्वदलीय संसदीय समूह के चीन सीमा के दौरे की मांग की ,ताकि देश वस्तु स्थिति से अवगत हो सके |
राज्यसभा सांसद और पीएसी सदस्य गोहिल ने गंभीरता पूर्वक आरोप लगाते हुए कहा की चीन की घुसपैठ पर जब राहुल गाँधी ने सवाल उठाये तब भी सरकार गंभीर नहीं हुयी | प्रधानमंत्री छप्पन इंच के सीने की बात करते है लेकिन सीमा सुरक्षित नहीं है | इस बार चीन ने हमारे एक नागरिक को अगवा कर लिया है और दूसरा बड़ी मुश्किल से उनके चंगुल से भाग पाया है | और युवक के लिए मदद की गुहार लगाने वाला कोई विपक्षी नहीं बल्कि भाजपा सांसद ,अरुणचल प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा की सर्वोच्च इकाई राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य हैं | इसलिए प्रधानमत्री को कम से कम उन पर भरोसा करना चाहिये |
गौरतलब है की गतरोज भाजपा सांसद तापिर गाओ ने ट्वीट कर लिखा,था की ‘चीनी सेना (पीएलए) ने 18 जनवरी को अपर सियांग जिले जीडो गांव के रहने वाले 17 वर्षीय मीरम तरोन को भारतीय सीमा के अंदर लुंगता जोर (यहां चीन ने भारतीय सीमा के 3-4 किमी अंदर रोड बना ली है) इलाके से अगवा कर लिया है।’ तापिर के मुताबिक, चीनी सेना ने मीरम के दोस्त को भी अगवा किया था मगर वह किसी तरह वहां से बच निकला।सांसद ने ट्वीट किया, ‘मीरम के दोस्त को भी पीएलए ने अगवा किया था, मगर वह बच निकला और भारतीय सेना को रिपोर्ट किया है। मेरी भारतीय रक्षा एजेंसियों से अपील है कि वह इस मामले में जल्द दखल दें ताकि उसकी जल्दी रिहाई सुनिश्चित की जा सके।”
गोहिल ने कहा की राहुल गाँधी ने भारतीय सीमा में चीन द्वारा रोड बनाये जाने का मामला उठाया था ,तब प्रधानमंत्री ने भरोसा नहीं किया था ,लेकिन अब उनके प्रदेश अध्यक्ष कह रहे हैं की चीन ने 2018 में 3 -4 किलोमीटर की सड़क भारतीय सीमा के अंदर बना ली है |
कांग्रेस सांसद गोहिल ने कहा की उन्हें एक सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है की ” उनके जोन में चीन की सीमा पर फेस टू फेस पेट्रोलिंग होती थी लेकिन अभी सरकार ने 4 जगहों पीटी -17 ,ग्लावन वे ,पैंगोंग और कैलाश में पेट्रोलिंग बंद करा दिया है , हमें पता ही नहीं है की हमारी सीमा पर क्या हो रहा है | चीन ने हमारी सीमा में घुस कर बिहार रेजीमेंट के 20 जवानों को मौत के घाट उतार दिया ,जब एक के बदले दस सिर लाने का भाषण देने वाले प्रधानमंत्री ने चीन को मुँह तोड़ जवाब देने की बजाय यह कह कर क्लीनचिट दे दी की चीन हमारी सीमा में घुसा ही नहीं | तो हमारे जवान शहीद कैसे हुए ? का जवाब बाकी है | चीन ने प्रधानमंत्री की क्लीनचिट का इस्तेमाल दुनियाभर में भारत के खिलाफ किया | इसलिए देश को चीन सीमा की हक़ीक़त जानने के सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल को चीन सीमा का दौरा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में करना चाहिए | आगामी सत्र में भी इस मुद्दे को कांग्रेस समेत विपक्ष की तरफ से उठाने का उन्होंने इरादा व्यक्त किया |