अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने घोषणा ई-हॉस्पिटल डेटा बहाल कर देने की घोषणा की है। साथ ही कहा है कि इस तरह का संकट फिर पैदा नहीं होने देने के लिए कोशिशें की जा रही हैं। बता दें कि 23 नवंबर को साइबर अटैक के जरिए वहां की ऑनलाइन सर्विसेस को ठप कर दिया गया था। इस साइबर हमले में करीब तीन-चार करोड़ मरीजों के डेटा फंस गए थे।
सेवाओं को बहाल करने से पहले नेटवर्क को साफ किया जा रहा है। डेटा अधिक होने से सेवाओं की बहाली में थोड़ा समय लग रहा है। जब तक सेवाएं पूरी तरह से बहाल नहीं हो जातीं, तब तक सभी अस्पताल सेवाएं मैनुअल मोड में चलेंगी। इनमें आउट पेशेंट, इन-पेशेंट, प्रयोगशालाएं आदि शामिल हैं।
इस बीच, भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (CERT-in), दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि जांच कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस इकाई ने 25 नवंबर को जबरन वसूली और साइबर आतंकवाद का मामला दर्ज किया था।
ई-हॉस्पिटल सेवाओं को बहाल करने के लिए व्यवस्थित किए गए चार भौतिक सर्वरों को स्कैन करके डाटाबेस और एप्लिकेशन के लिए तैयार किया गया है। साथ ही एम्स के नेटवर्क सैनिटाइजेशन का काम जारी है। सर्वर और कंप्यूटर के लिए एंटीवायरस समाधान व्यवस्थित किए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक 50 में से 20 सर्वरों को स्कैन किया जा चुका है। काम 24 घंटे जारी है।
इस बीच, दो सिस्टम विश्लेषकों (analysts) को फोन कॉल का जवाब नहीं देने और 23 नवंबर को हुई इमरजेंसी मीटिंग में शामिल नहीं होने के लिए निलंबित कर दिया गया है।
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