रोजाना 3000 से अधिक मरीज होंगे प्रभावित
अहमदाबाद हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम्स एसोसिएशन ने एलान किया है 8 अगस्त से 15 अगस्त तक चार स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराने वाली बीमा कंपनियों के उपभोक्ताओं को कैशलेस सुविधा प्रधान नहीं करेंगे , भले ही उन्होंने कैशलेस स्कीम के तहत बीमा लिया हो। अहमदाबाद हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम्स एसोसिएशन ( AHNA ) के इस निर्णय से रोज के तीन हजार से अधिक मरीज प्रभावित होंगे , जो अहना से जुड़े 300 से अधिक अस्पतालों में इलाज करवाते हैं।
जिन कंपनियों के उपभोक्ताओं को कैशलेस सुविधा से वंचित किया गया है उनमें न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ,नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, तथा ओरिएण्टल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड का समावेश है।
अहमदाबाद हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम्स एसोसिएशन के प्रमुख डॉ भरत गढ़वी ने वाइब्स आफ इंडिया से कहा की “हम किसी हाल में मरीजों को परेशान नहीं करना चाहते लेकिन उक्त चारों कंपनियों ने हमें विवश किया है , चार महीने पहले भी चारों कंपनियों को पत्र भेजकर साफ़ कर दिया गया था की अगर वह भुगतान पद्धति में सुधार , और भाव वृद्धि नहीं करती तो अहमदाबाद हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम्स एसोसिएशन कैशलेस सुविधा नहीं देगी लेकिन चारों कंपनियों ने मसले को सुलझाने में कोई रूचि नहीं दिखायी ,अभी एक सप्ताह के लिए सांकेतिक तौर पर कैशलेस सुविधा बंद की है , आगे अगर हमारी मागों को अनसुना किया जाता है तो स्थायी तौर पर बंद कर देंगे। “
अहना प्रमुख डॉ गढ़वी के मुताबिक “कंपनियों को अपने उपभोक्ताओं को गुणवत्ता युक्त मेडिकल सेवा देने में कोई रूचि नहीं है। पिछले कई सालों से भाव वृद्धि नहीं की गयी है। अस्पतालों को पीपीएन रेट नहीं दिए जा रहे हैं। बढ़ती हुए महगाई और स्वास्थ्य महगाई दर के हिसाब से 6 प्रतिशत हर साल वृध्दि की जा नी चाहिए लेकिन कई सालों से भाव वृद्धि नहीं की गयी। “
डॉ वीरेन शाह जो अहमदाबाद हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम एसोसिएशन के सचिव है , वह कहते है” कई सर्जरी और प्रोसीजर चार्ज बीमा कंपनियों ने पहले से तय किया हुआ है डायबिटीज ह्रदय रोग जैसी बीमारियों को नहीं देखा गया है , निर्धारित शुल्क काम होने से गुणवत्ता युक्त सेवा संभव नहीं है। शाह जोर देकर कहते अस्पताल को समय पर और पूरा भुगतान भी नहीं मिलता , कैंसर और रिप्लेसमेंट सर्जरी में आधुनिक तकनीक से इलाज होता है , लेकिन चार्ज नहीं मिलता , हॉस्पिटल की सर्विस के तौर पर भी गलत तौर से पैसा काट लिया जाता है। “
गुजरात उच्च न्यायलय के अधिवक्ता जमीर शेख का कहना है “बीमा कंपनी और अहना के बीच इस लड़ाई से उपभोक्ता परेशान होता जिसने कैशलेस स्कीम का प्रीमियम ही केवल इसलिए चुकाया होता है की आफत के समय उसे राहत मिल सके ,एसोरेंस कम्पनी ग्राहक को प्रीमियम लेते समय बताती है की कौन कौन से हॉस्पिटल में उसे कैशलेस सुविधा मिलेगी। यह सीधे सीधे उपभोक्ता के अहित का मामला है। अस्पताल और बीमा कंपनी के बीच समझौते की शर्त ऐसे में अहम हो जाती है। “
बीमा कंपनियों की शिकायतों का समाधान नहीं हुआ तो बंद कर देंगे कैशलेस सुविधाएं: अहना