पिछले 15 वर्षों से बिल्डरों से प्राप्त 20 करोड़ रुपयों को औडा द्वारा खर्च करने का मामला सामने आया है। अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण (Ahmedabad Urban Development Authority- औडा) ने 2022 में अपने अधिकार क्षेत्र में एक लाख पेड़ लगाने के लिए बिल्डिंग प्लान (building plan) की अनुमति देने के समय बिल्डरों से जमा राशि के रूप में एकत्रित 20 करोड़ रुपये खर्च कर दिए।
इस तरह जमा कराया गया था पैसा
बिल्डरों को अहमदाबाद नगर निगम और औडा जैसे नागरिक निकायों को जमा राशि के रूप में प्रति पेड़ 2,000 रुपये का भुगतान करने का प्रावधान था। जिसमें, एक बार जब बिल्डर दिखाता है कि वादा किए गए पेड़ लगाए गए हैं और पूरी तरह से उगाए गए हैं, तो नागरिक निकायों द्वारा बिल्डरों को वह जमा राशि वापस कर दी जाती।
कॉमन जनरल डेवलपमेंट कंट्रोल रेगुलेशंस (Common General Development Control Regulations- सीजीडीसीआर) 2017 में कहा गया है कि बिल्डिंग प्लान क्लीयरेंस (building plan clearance) के लिए आवेदन करते समय बिल्डरों को यह गारंटी देनी होगी कि वे अपनी परियोजना में प्रति 200 वर्ग मीटर में पांच पेड़ लगाएंगे।
पैसे का इस्तेमाल पेड़ लगाने के लिए किए जाने का दावा
सूत्रों के मुताबिक, एएमसी ने अब तक 100 करोड़ रुपये और औडा ने जमा राशि के रूप में 20 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं, लेकिन कोई भी बिल्डर इस सबूत के साथ जमा राशि का दावा करने के लिए आगे नहीं आया है कि उन्होंने नियमानुसार अपनी रियल्टी परियोजनाओं में पेड़ लगाए हैं।
औडा के सीईओ डीपी देसाई ने कहा, “हमारे पास बिल्डरों से एकत्रित 20 करोड़ रुपये की लावारिस जमा राशि थी। हालांकि, इतने सालों तक इस फंड का दावा नहीं किया गया था, इसलिए हमने इस फंड का इस्तेमाल एसपी रिंग रोड के इलाकों में एक लाख पेड़ लगाने के लिए किया।”
औडा (Auda) के सूत्रों ने बताया कि एसपी रिंग रोड के साथ 76 किलोमीटर की भूमि पर 25,000 पेड़ लगाने के लिए जमा राशि के 10 करोड़ रुपये खर्च किए गए, औदा के अधिकार क्षेत्र में 75 गांवों में 75 वन क्लस्टर आजादी का अमृत वन विकसित करने के लिए 6 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इनमें से प्रत्येक क्लस्टर में 1,000 पेड़ हैं। नगर निकाय 4 करोड़ रुपये की लागत से और अधिक पेड़ लगाने की तैयारी में है।
यह भी पढ़ें: कूनो में दो चीतों की मौत पर प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारी ने किया सनसनीखेज दावा