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अहमदाबाद: रिहायशी इलाकों में अग्नि सुरक्षा पर फिर उठे सवाल, जिवराज पार्क की घटना ने दिखाई खतरनाक हकीकत

| Updated: April 8, 2025 14:14

अहमदाबाद: रविवार को अहमदाबाद के जिवराज पार्क क्षेत्र स्थित ज्ञानदा सोसाइटी में एक घर में लगी भीषण आग, जिसमें दो लोगों की जान चली गई, ने एक बार फिर रिहायशी इलाकों में अग्नि सुरक्षा, लापरवाही, जागरूकता की कमी और अवैध भंडारण जैसी गंभीर समस्याओं को उजागर कर दिया है।

अहमदाबाद महानगरपालिका (AMC) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, शहर में होने वाली कुल आग की घटनाओं में घरों में लगी आग का हिस्सा चिंताजनक रूप से अधिक है। वर्ष 2022-23 और 2023-24 के बीच कुल 994 अग्निकांड रिहायशी इलाकों में दर्ज किए गए, जो खतरे की गंभीरता को दर्शाते हैं।

आंकड़ों में छुपा खतरा

वर्ष 2022-23 में शहर में कुल 2,057 अग्निकांड हुए, जिनमें से 540 यानी 26.25% घटनाएं घरों में हुईं। वहीं 2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर 2,285 पर पहुंच गया, जिसमें से 454 यानी 19.55% आग की घटनाएं रिहायशी संपत्तियों में हुईं। वार्षिक रिपोर्ट में कुल 17 श्रेणियों में आग की घटनाओं को वर्गीकृत किया गया है, जिसमें 2022-23 में दो लोगों की मौत भी दर्ज की गई है।

अवैध व्यावसायिक गतिविधियां बनीं बड़ी वजह

AMC के एक अधिकारी ने कहा, “घर में आग लगने की घटनाएं सबसे अधिक होती हैं। जिवराज पार्क की घटना इसका ताजा उदाहरण है, जहां एक बंगले को गोदाम की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था।”

उन्होंने बताया कि कई रिहायशी इमारतों में अवैध रूप से दुकानें, रेस्टोरेंट और गोदाम चलाए जा रहे हैं, जिससे आग लगने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। उन्होंने कहा, “इन स्थानों पर व्यावसायिक इमारतों की तरह अग्नि सुरक्षा के उपाय नहीं होते, जिससे आग लगने पर स्थिति ज्यादा खतरनाक हो जाती है।”

गृहस्थी में छिपा खतरा

अधिकारी ने यह भी कहा कि आजकल के घरों में भारी मात्रा में फर्नीचर होता है, जिनमें ज्वलनशील सामग्री अधिक होती है। इसके साथ ही, बिजली के उपकरणों और वायरिंग में गुणवत्ता मानकों की अनदेखी की जाती है। “घर में लगी आग का सबसे आम कारण शॉर्ट सर्किट होता है, और ज्वलनशील फर्नीचर उसे और भी घातक बना देता है।”

उन्होंने सलाह दी कि खासकर एसी जैसे उच्च विद्युत भार वाले उपकरणों के लिए मानक वायरिंग का उपयोग किया जाए। उन्होंने रसोई को ‘हाई रिस्क ज़ोन’ बताया। “जैसे उबलता दूध गैस पर गिर जाए, तो भी आग लग सकती है। दीपक और अगरबत्ती जलाते समय भी सावधानी रखनी चाहिए और रात में इन्हें जलता छोड़कर नहीं सोना चाहिए। समय-समय पर वायरिंग की जांच और सर्किट ब्रेकर का उपयोग बहुत जरूरी है।”

“घरों में गोदाम या दुकानें अवैध”

एक अन्य नगर निगम अधिकारी ने बताया कि रिहायशी परिसरों में व्यावसायिक उपयोग कानूनन प्रतिबंधित है। “ऐसे किसी भी ज्वलनशील सामान का घर में उपयोग या भंडारण नहीं किया जाना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना ज़रूरी है—जैसे मानक वायरिंग, सर्किट ब्रेकर का होना, समय-समय पर सफाई और वेंटिलेशन। घर में अधिक कपड़े या सामान जमा करना भी खतरा बढ़ा सकता है। दीपक, मोमबत्ती या अगरबत्ती जैसी खुली आग को कभी भी unattended नहीं छोड़ना चाहिए।”

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