खुद को पीएमओ का वरिष्ठ अधिकारी बताने के आरोप में पिछले महीने जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तार किए गए किरण पटेल को गुजरात पुलिस अहमदाबाद लाकर उसके गुनाहो का पर्दाफाश करने में जुट गयी है। महाठग किरण पटेल की डिग्री भी शंका के घेरे मे है । पुलिस ने अपनी जांच मे इसे भी शामिल किया है । आरोपी किरण पटेल बीई ,आईआईएम से एमबीए और विदेशी यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री का दावा कर लोगों को अपने जाल मे फसाया था । पुलिस को उसकी डिग्री पर जम्मू कश्मीर मे उसकी गिरफ़्तारी के बाद से ही शंका थी सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी से शुरुआत कर किरण पटेल ने अपने ठगी के जाल को जम्मू कश्मीर तक पंहुचा दिया था। वह भी पीएमओ में अधिकारी होने का दावा कर। गुजरात में पहले से ही किरण पटेल के खिलाफ चार मामले दर्ज है। पूर्व मंत्री जवाहर चावड़ा के भाई का बांग्ला हड़पने के आरोप में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच में महाठग किरण पटेल तथा उसकी पत्नी मालिनी किरण पटेल के खिलाफ आईपीसी की धारा 406 , 420 , 120 बी , 170 के तहत दर्ज मामले में श्रीनगर सेन्ट्रल जेल से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की टीम 36 घंटे के सफर के बाद रात 1 . 15 बजे अहमदाबाद पहुंची।
क्राइम ब्रांच के अधिकारी ने बताया कि आरोपी का मेडिकल कराने के बाद रात 3 . 15 बजे आरोपी किरण भाई उर्फ़ बंसी पुत्र जगदीश पटेल उम्र 45 वर्ष निवासी A / 17 प्रेस्टीज बंग्लोज घोड़सर अहमदाबाद को गिरफ्तार किया। इसी मामले में आरोपी की पत्नी मालिनी पटेल को पुलिस ने 28 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था।
शनिवार शाम को आरोपी को अहमदाबाद मेट्रोपॉलीटियन कोर्ट में रिमांड के लिए पेश किया गया। कोर्ट ने ठग किरण पटेल की 7 दिन की रिमांड मंजूर कर ली है। क्राइम ब्रांच ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी ,लेकिन कोर्ट ने 15 अप्रैल तक 7 दिन की रिमांड मंजूर की ।
रिमांड के पीछे पुलिस का तर्क था कि आरोपी ने और किस किस के साथ ठगी की है , यह जानना जरुरी है। सरकारी वकील ने अदालत से कहा कि आरोपी ने झूठी पहचान कैसे बना ली? आरोपी डॉक्टरेट की डिग्री का दावा कर रहा है ,जो संदिग्ध है। आरोपी ने जहां भी आरोपी ने बैठक की, वहां का पंचनामा जरूरी है। बैंक में बैलेंस नहीं होने के बावजूद आरोपियों ने 50 लाख के चार चेक जारी कर दिए। आरोपी के अन्य पीड़ित हो सकते हैं। उसके साथ और कौन शामिल है ? ? इसकी जांच करने की जरूरत है। आरोपियों के खिलाफ नरोडा और जम्मू-कश्मीर पुलिस में मामला दर्ज किया गया है। मामले की तह तक जाने के लिए आरोपी का रिमांड जरूरी है।
जिसका किरण पटेल के वकील ने बचाव करते हुए कहा कि 35 लाख रुपये में रेनोवेशन कराया गया है. 50 लाख रुपये के चेक की बात कहा से आती है ? क्या यह ठगी का मामला है या पैसा कहां से आया इसका ? रिमांड किस बात का? क्या खर्चे बढ़ गए?
बचाव पक्ष के वकील ने पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठाते हुए दलील दी कि पुलिस इस मामले में नोटिस दे सकती थी? उन्हें गिरफ्तार करने और उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाने की क्या जरूरत थी? शिकायतकर्ता भी गलतहो सकता है? पुलिस ने पर्याप्त सबूत नहीं जुटाए हैं और ना ही जांच की। पुलिस कहीं और से प्रेरित है। शिकायतकर्ता ने जिस बंगले की शिकायत की है वह शिकायतकर्ता के नाम पर है। किरण पटेल ने किसी भी रेवेन्यू रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज नहीं कराया है. घटना और शिकायत की तारीख के बीच 1 साल का अंतर है। यह मामला सिविल कोर्ट में चल रहा है तो क्यों न इसके फैसले का इंतजार किया जाए?
जिसके बाद मेट्रोपोलिटिन कोर्ट ने 7 दिन का रिमांड मंजूर किया।
क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक किरण पटेल की डिग्री भी शंकास्पद है ,अंबावाड़ी पोलटिकनल कॉलेज से डिप्लोमा इन कंप्यूटर इंजीनयरिंग करने के बाद एलडी इंजीनयरिंग कालेज से डिप्लोमा इन इंजीनयरिंग करने का आरोपी ने दावा किया है , साथ ही 2021 – 22 में तमिलनाडू आईआईएम त्रिचि से एक्जक्यूटिव एमबीए का कोर्स करना बताया है।
एड एजेंसी में नौकरी करते बना ठग
क्राइम ब्रांच के मुताबिक आरोपी किरण भाई उर्फ़ बंसी पुत्र जगदीश पटेल 2001 में संजय टावर ,प्रह्लाद नगर , अहमदाबाद स्थित ब्रांड एन्ड एसोसियेट नामक सॉफ्टवेयर कंपनी में प्रोग्रामर के तौर पर नौकरी करता था ,जहा राजनीतिक दलों के विज्ञापन और वेबसाइट बनती थी। इसी बहाने वह राजनीतिक दलों के संपर्क में आया। विज्ञापन और ख़बरों के माध्यम से सरकारी कार्यक्रमों की जानकारी हांसिल कर उपस्थित लेखकों , कलाकारों ,तथा आमंत्रित मेहमानों को खुद की राजनीतिक दल के पदाधिकारी के तौर पर पहचान देता था।
2019 में दिल्ली में ” चलो इंडिया ” के लांचिंग कार्यक्रम को मैनेज किया था।
2022 में अहमदाबाद के होटल हयात में G – 20 के इवेंट का आयोजन किया।
किरण पटेल के खिलाफ जम्मू कश्मीर के अलावा गुजरात में चार मामले दर्ज है।
महाठग किरण पटेल ने पीएमओ में एक शीर्ष अधिकारी होने का नाटक करके एक से अधिक लोगों को धोखा दिया है। जिसमें एक नाम पूर्व मंत्री जवाहर चावड़ा के भाई का भी है. जगदीश भाई पत्थलजी चावड़ा (63), जो मूल रूप से जूनागढ़ में रहते थे और अब शीलज होटल ताज के पास नीलकंठ ग्रीन बंगले में रहते हैं, एक बड़े बंगले में रहने में असमर्थ थे क्योंकि उनकी पत्नी बूढ़ी हो रही थी। इसलिए उन्होंने ताज होटल के पास स्थित अपने 11 नीलकंठ ग्रीन बंगले को बेचने कर एक छोटे से घर में रहने का फैसला किया। उन्होंने कई लोगों से घर बेचने की बात कही। फरवरी 2022 में किरण पटेल ने जगदीशभाई की पत्नी इला बेन को फोन किया और बंगला बेचने की बात कही। बाद में वे जगदीशभाई के घर पहुंचे और खुद प्रॉपर्टी ब्रोकर बन गए। इस बीच किरण पटेल ने बंगला देखा और जगदीशभाई से यह कहते हुए बंगले का जीर्णोद्धार करने के लिए कहा कि यदि बंगले का जीर्णोद्धार किया जाता है तो उन्हें अच्छे पैसे मिलेंगे।
उसके बाद किरण पटेल टी पोस्ट नामक स्थान पर मिलने के लिए बुलाया। उन्होंने कहा कि वह टी पोस्ट नाम के एक कैफे में पार्टनर हैं। उनका बड़ा राजनीतिक रसूख है और वह प्रधान मंत्री कार्यालय में प्रथम श्रेणी के अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। उनके पास बंगला बनाने और बिल्डिंग रिनोवेशन करने का अच्छा अनुभव और जुनून है। रिनोवेशन के बाद बेचने की बात कही। किरण ने बड़ी-बड़ी बातें की और 30 से 35 लाख रुपए की मरम्मत की बात कहकर सौदा तय किया।
दो-तीन दिन बाद किरण पटेल अपनी पत्नी मालिनी और इंटीरियर डिजाइनर जुबिन पटेल के साथ बंगले पर पहुंचे . बाद में आठ से दस लोगों को बुलाया गया और मरम्मत का काम शुरू किया गया। नवीनीकरण का काम शुरू होने पर जगदीशभाई और उनके परिवार को शेला में उनके दोस्त के बंगले में स्थानांतरित कर दिया गया। जगदीशभाई ने घर की मरम्मत के लिए किरण को 35 लाख रुपये टुकड़े-टुकड़े दिए। जब जगदीशभाई जूनागढ़ गए तो किरण पटेल ने घर का जीर्णोद्धार कराया और अपने नाम का बोर्ड लगा कर वास्तु, हवन और पूजा पाठ करवाया.
अगले दिन जब जगदीशभाई किरण पटेल से मिलने आए तो किरण ने कहा कि मुझे आपका बंगला खरीदना है। इसलिए जब जगदीशभाई ने पैसों की मांग की तो किरण ने कहा कि अडानी ग्रुप में वह बहुत काम कर रहा है। पेमेंट आने पर मैं बंगला खरीद लूंगा। जब जगदीशभाई को किरण पटेल की बातों पर शक हुआ तो उन्होंने कहा कि पहले रेनोवेशन करा दो और किरण पटेल को बंगले से बाहर कर दिया । बाद में अगस्त 2022 में अहमदाबाद ग्रामीण जिला अदालत से एक नोटिस आया जिससे पता चला कि किरण पटेल ने बंगले के लिए अदालत में मुकदमा दायर किया था। जिसकी जगदीश भाई ने शिकायत दर्ज कराने के लिए अर्जी दी लेकिन तब एफआईआर दर्ज नहीं की गयी थी ।
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