अगर आप CEPT यूनिवर्सिटी के विंटर एग्ज़ीबिशन में जा रहे हैं, तो एक खास ऑफ-व्हाइट कंक्रीट ब्लॉक को देखना न भूलें। पहली नजर में यह साधारण लगता है, लेकिन इसे धूप में कुछ मिनटों तक पकड़ने पर इसका रंग गुलाबी हो जाता है। ज्यादा देर तक पकड़ने पर इसका रंग और गहरा हो जाता है।
इस अनोखे आविष्कार को ‘काचिंदो’ (गुजराती में ‘गिरगिट’) नाम दिया है। यह CEPT यूनिवर्सिटी की फैकल्टी ऑफ टेक्नोलॉजी (एफटी) की छात्रा प्रणाली मेहता की रचना है।
यह उन नौ प्रोजेक्ट्स में से एक है, जिसे प्रोफेसर भार्गव टेवर और निकुंज दवे के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है। ये प्रोजेक्ट कंक्रीट की अनदेखी संभावनाओं को दर्शाते हैं।
टीम के एक सदस्य ने बताया, “इस कंक्रीट में थर्मोक्रोमैटिक और फोटोक्रोमैटिक पिगमेंट्स के साथ-साथ ग्लो-इन-द-डार्क पिगमेंट्स मिलाए गए हैं। इसका उपयोग केवल इमारतों की सुंदरता बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि तापमान का संकेत देने और अत्यधिक गर्मी में चेतावनी देने के लिए भी किया जा सकता है।”
उन्होंने आगे बताया, “उदाहरण के लिए, इस सामग्री का उपयोग सड़कों पर पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों को चेतावनी देने या रात में वस्तुओं की दृश्यता बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।”
प्रोफेसर टेवर ने इस परियोजना के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “इन छात्रों के प्रोजेक्ट्स यह दिखाते हैं कि कंक्रीट उबाऊ या एकसमान सामग्री नहीं है। इनमें से कई आविष्कार बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए उपयुक्त हो सकते हैं।”
CEPT यूनिवर्सिटी के इस प्रदर्शन में जरूर आएं और देखें कि कैसे छात्र निर्माण सामग्री की संभावनाओं को नए आयाम दे रहे हैं।
यह भी पढ़ें- अजमेर शरीफ दरगाह के सर्वे की याचिका अदालत में स्वीकार, अब आगे क्या?