दस साल के इंतजार के बाद अब सोला सिविल और गांधीनगर सिविल अस्पतालों में एमआरआई (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) मशीनें लगाई जा रही हैं।
यह सुविधा उन लोगों के लिए उपयोगी होगी, जो एसजी हाईवे पर आए दिन दुर्घटनाओं के शिकार होते हैं। इसलिए कि पहले एमआरआई के लिए उन्हें असारवा सिविल अस्पताल में भेजा जाता था। वैसे आने वाले हफ्तों में राज्य के सभी आठ सरकारी अस्पतालों में एमआरआई मशीनें लगा दी जाएंगी।
बता दें कि शनिवार को जीएमईआरएस सोला एमसीएच (GMERS Sola MCH) में एक एमआरआई मशीन पहुंच गई। अधिकारियों के अनुसार, जर्मन इंजीनियरों ने रविवार को मशीन को लगाना भी शुरू कर दिया। यह फरवरी के पहले सप्ताह से मरीजों के लिए उपलब्ध हो जाएगा। इसके लिए पैसे भी कम लगेंगे।
जीएमईआरएस में जो मशीन लगाई जा रही है, वैसी ही अहमदाबाद में सोला एमसीएच, गांधीनगर, वड़ोदरा में गोत्री और पोरबंदर समेत आठ जगहों पर लगाई जाएंगीं। इनमें अहमदाबाद, राजकोट, भावनगर और जामनगर में चार सरकारी अस्पताल भी हैं।
सोला सिविल अस्पताल में एमआरआई मशीन के कारण गंभीर चोटों वाले ट्रॉमा रोगियों को अहमदाबाद सिविल अस्पताल में भेजने की जरूरत नहीं होगी। और जिन्हें मामूली चोटें आई हैं, उन्हें खुद ही प्राइवेट इमेजिंग सर्विस की तलाश करने की आवश्यकता नहीं होगी।
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