पश्चिम बंगाल में बंदरगाहों का कामकाज जमाने के बाद अडाणी एंटरप्राइजेज वहां सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में भी उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है। समूह कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके के न्यू टाउन क्षेत्र में एक हाइपर स्केल डेटा सेंटर स्थापित करेगा। बंगाल कैबिनेट ने सोमवार को इस फैसले पर मुहर लगा दी।
पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने अडाणी एंटरप्राइजेज को राजारहाट न्यू टाउन स्थित बंगाल सिलिकॉन वैली में 100 प्रतिशत हाइपर-स्केल डेटा सेंटर स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह परियोजना 51.75 एकड़ भूमि में पूरी की जाएगी, जिसे 99 साल की लीज पर दिया गया है।
बंगाल में अडाणी का निवेश
यह निर्णय उद्योगपति गौतम अडाणी द्वारा अप्रैल में आयोजित बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट के दौरान राज्य में 10,000 करोड़ रुपये की निवेश की घोषणा के ठीक एक महीने बाद आया है। अडाणी ने तब कहा था, “अगले दशक में हम बंगाल में अपना कुल निवेश 10,000 करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद करते हैं। इसके बाद जैसे-जैसे हम यहां विस्तार करना जारी रखेंगे, हम हरित ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में अपनी विश्व स्तरीय विशेषज्ञता को लाएंगे। मैं बंगाल में बुनियादी ढांचे में अपनी विशेषज्ञता, निष्पादन की अपनी गति, अपने अनुभव, और बड़ा और बेहतर निर्माण पर ध्यान दे रहा हूं। मैं जो लाने के लिए प्रतिबद्ध हूं, वह तकनीक और पैमाना है, जो बंगाल में बुनियादी ढांचे को पुनर्गठित करने में मदद करेगा। ”
हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स परियोजना
इस साल की शुरुआत में भारत के सबसे बड़े निजी बंदरगाह ऑपरेटर अडाणी समूह ने हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स (एचडीसी) का ऑपरेशन संभाल लिया था। ममता बनर्जी सरकार की महत्वाकांक्षी ताजपुर ग्रीनफील्ड समुद्री बंदरगाह परियोजना के लिए भी अडाणी को सबसे आगे माना जा रहा है। पूर्वी मिदनापुर में स्थित प्रस्तावित परियोजना में 15,000 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान है। सूत्रों के अनुसार, अडाणी समूह के लिए निवेश का एक और महत्वपूर्ण अवसर बीरभूम में देवचा-पचामी कोयला खनन परियोजना है, जो एशिया का सबसे बड़ा कोयला ब्लॉक है। इसे राज्य सरकार विकसित करने की इच्छुक है।