अडानी समूह (Adani Group) ने शुक्रवार, 26 अगस्त को नई दिल्ली टेलीविजन (एनडीटीवी) द्वारा किए गए दावों को खारिज कर दिया, और कहा कि नियामक प्रतिबंधों (regulatory curbs) ने समाचार नेटवर्क (news network) के संस्थापकों को कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने से रोक दिया था।
एशिया के सबसे धनी व्यक्ति गौतम अडानी (Gautam Adani) के नेतृत्व में अडानी समूह (Adani Group) NDTV पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है, जिसे भारत के तेजी से ध्रुवीकरण वाले मीडिया परिदृश्य में कुछ स्वतंत्र आवाज़ों में से एक माना जाता है। इस कदम ने NDTV की संपादकीय अखंडता के बारे में चिंताएँ पैदा कर दी हैं, समाचार चैनल ने कहा कि अरबपति उसकी सहमति के बिना हिस्सेदारी खरीदने का नोटिस दिए हैं।
NDTV ने गुरुवार, 25 अगस्त को अडानी के इस कदम को यह कहते हुए रोकने की कोशिश की कि उसके संस्थापक प्रणय (Prannoy) और राधिका रॉय (Radhika Roy) को 2020 से बाजार नियामक (market regulator) द्वारा भारत के प्रतिभूति बाजार (ndia’s securities market) में शेयर खरीदने या बेचने से रोक दिया गया है। इसलिए अदानी द्वारा मांगे जा रहे शेयरों को स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है।
अडानी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि एनडीटीवी के संस्थापकों की दलीलें “निराधार, और कानूनी रूप से अपुष्ट” थीं।
उन्होंने कहा कि संस्थापकों की निवेश इकाई किसी भी नियामक प्रतिबंध का हिस्सा नहीं थी और समूह को “अपने दायित्व को तुरंत पूरा करने और इक्विटी शेयर आवंटित करने के लिए बाध्य थी।”
अडानी एक जानी-मानी भारतीय कंपनी विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (Vishvapradhan Commercial Private Ltd- वीसीपीएल) के जरिए अधिग्रहण को अंजाम देने की कोशिश कर रही है। इसने एनडीटीवी के संस्थापकों को एक दशक से भी अधिक समय पहले वारंट के बदले में 400 करोड़ रुपये ($50 मिलियन) दिए, जिससे वह किसी भी समय समाचार समूह में हिस्सेदारी खरीद सके।
समूह ने कहा कि 23 अगस्त को उसने वीसीपीएल (VCPL) का अधिग्रहण किया था और उन अधिकारों का प्रयोग किया था।
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