अहमदाबाद: मेहता परिवार के टोरेंट समूह द्वारा समर्थित यूएनएम फाउंडेशन की पहल अभिव्यक्ति – द सिटी आर्ट्स प्रोजेक्ट के छठे संस्करण ने अहमदाबाद में एक यादगार सांस्कृतिक शाम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में कला, संगीत और नृत्य के माध्यम से अनकही कहानियों और गहरे भावनात्मक पहलुओं को प्रस्तुत किया गया।
देश के विभिन्न हिस्सों जैसे बेंगलुरु, वडोदरा, दिल्ली और अहमदाबाद से आए कलाकारों ने अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया, जिससे दर्शक भावविभोर हो गए। यह आयोजन विविधताओं से भरी कला प्रस्तुतियों के लिए एक अनूठा मंच साबित हुआ।
प्रमुख प्रस्तुतियाँ
नृत्य के माध्यम से आंतरिक दुनिया की झलक:
बेंगलुरु की नृत्यांगना देबाप्रिया दास ने अपनी प्रस्तुति परिक्रमा – अ जर्नी विदिन के माध्यम से आत्म-अन्वेषण की गहराईयों को उजागर किया। उनकी प्रस्तुति ने समाज में बेली डांस के प्रति मौजूद धारणाओं को चुनौती दी और इस कला को आत्मिक यात्रा के रूप में प्रस्तुत किया। देबाप्रिया ने अपनी कला के माध्यम से दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर किया कि वे कला रूपों को किस दृष्टि से देखते हैं।
संगीत में पुरुषों की भावनाओं की अभिव्यक्ति:
वडोदरा के गायक मिशाल आर. भाटिया ने अपनी संगीत प्रस्तुति पुरुषार्थम के माध्यम से पुरुषों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य जैसे अनदेखे विषयों को उजागर किया। भाटिया ने समाज में पुरुषों पर डाले गए दबाव और उनके भावनात्मक दमन को उजागर किया। उनकी प्रस्तुति ने दर्शकों को सोचने पर मजबूर किया कि कैसे पुरुषों की भावनाओं को भी स्वीकार्यता और अभिव्यक्ति की आवश्यकता है।
दृश्य कला प्रदर्शनियाँ
अमूर्तता के माध्यम से यात्रा:
सूरत के वास्तुकार तेजस चौहान ने एब्सट्रैक्ट एक्सप्रेशन नामक अपनी कला स्थापना में नीले रंग के अद्भुत रूपों के माध्यम से जीवन के भावनात्मक अनुभवों को प्रस्तुत किया। उनकी यह रचना दर्शकों को आत्मचिंतन और अपने जीवन की यादों और भावनाओं से जुड़ने के लिए प्रेरित करती है।
प्रकृति और मानवता का सामंजस्य:
दिल्ली की कलाकार मीनू रानी ने अपनी स्थापना इकोज़ इन फॉर्म 30°n के माध्यम से मानवता और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित किया। उनकी इस रचना ने दर्शकों को आत्म-अवलोकन और प्रकृति के साथ अपने संबंधों पर विचार करने के लिए प्रेरित किया।
कपड़ा विरासत और सिरेमिक का संगम:
अहमदाबाद के मॉलिक ओज़ा ने अपनी कला स्थापना वार्प एंड वेफ्ट के माध्यम से गुजरात की प्रसिद्ध पाटोला साड़ियों को सिरेमिक के माध्यम से प्रस्तुत किया। उनकी यह रचना पारंपरिक और आधुनिक कला का मेल थी, जिसने दर्शकों को गुजरात की समृद्ध कपड़ा परंपरा के साथ-साथ सिरेमिक कला की सुंदरता से परिचित कराया।
अभिव्यक्ति: अभिव्यक्तियों का मंच
अभिव्यक्ति – द सिटी आर्ट्स प्रोजेक्ट कलाकारों को अपनी रचनात्मकता प्रदर्शित करने और समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर करने का एक अनूठा मंच प्रदान करता है। यूएनएम फाउंडेशन और टोरेंट समूह द्वारा समर्थित यह पहल कला की शक्ति को प्रेरणा देने, सोच को प्रोत्साहित करने और समाज को जोड़ने का एक बेहतरीन उदाहरण है।
इस बार का संस्करण भावनाओं की गहराइयों से लेकर परंपराओं के उत्सव तक, हर पहलू में कला की शक्ति को प्रदर्शित करने में सफल रहा, और दर्शकों को एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान किया।
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