अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में जामनगर दक्षिण सीट से निर्दलीय उम्मीदवार 89 वर्षीय अर्जुन परमार सबसे उम्रदराज उम्मीदवार हैं। इस सीट पर पहली बार भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों सहित 14 उम्मीदवार हैं। विधानसभा की यह सीट पिछले तीन चुनावों से भाजपा के पास है। हालांकि, परमार रिजस्ट पर अपने प्रभाव के बारे में निश्चित नहीं हैं, फिर भी उन्होंने कहा कि वह अपनी बात लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।
पाकिस्तान में जन्मे परमार स्वतंत्रता के तुरंत बाद परिवार के साथ गुजरात आ गए। यहां जामनगर में बसे। वहीं से राजनीति में आए और 1980 से 2000 के दशक तक जामनगर के वार्ड-15 में पार्षद (corporator) रहे।
वह कहते हैं, “मैं स्थानीय मुद्दों से अच्छी तरह वाकिफ हूं। लंबे समय तक पार्षद रहने से समस्या को अच्छी तरह समझता हूं, जिसका यकीनन लाभ होगा। मैं अभी भी एक सक्रिय कार्यकर्ता हूं, और लोग अभी भी अपने मुद्दों को लेकर मेरे कार्यालय आते हैं। मैं पानी, जल निकासी और सड़कों जैसे नागरिक मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद करना चाहता हूं, जिन पर कभी ध्यान नहीं दिया गया।’
मैदान में अन्य बुजुर्ग उम्मीदवारों में जूनागढ़ के निवर्तमान विधायक 77 वर्षीय भीखाभाई जोशी भी हैं। भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) के प्रमुख छोटू वसावा भी 77 वर्ष के हैं। वह टिकट बंटवारे को लेकर पारिवारिक ड्रामे के बाद झगड़िया से चुनाव लड़ रहे हैं। 70 वर्ष से ऊपर के चौथे उम्मीदवार भूपेंद्र पटोलिया हैं, जो राजकोट पश्चिम से निर्दलीय हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के विश्लेषण के मुताबिक, पहले चरण के 788 उम्मीदवारों में से 80 की उम्र 60 साल या इससे ज्यादा है। निर्वाचन क्षेत्रों में से एक- पंचमहल में शेहरा- दूसरे चरण में अनोखी सीट है। इसलिए कि यहां भाजपा और कांग्रेस दोनों के उम्मीदवार 72 वर्ष के हैं। भाजपा के जेठाभाई भारवाड़ का 2002 से ही इस सीट पर कब्जा है।
इसके उलट पहले चरण में चार उम्मीदवारों की आयु 25 वर्ष है। यह चुनाव लड़ने के लिए आवश्यक न्यूनतम आयु है। छह उम्मीदवार 26 वर्ष की आयु के हैं। इनमें से अधिकांश युवा निर्दलीय के रूप में लड़ रहे हैं।
भावनगर पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से ‘केतली’ चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ रहे 25 वर्षीय हर्ष गोकलानी ने कहा
“मैंने वर्षों तक भाजपा के साथ काम किया। लेकिन जब मैंने कुछ मुद्दों पर चिंता जतानी शुरू की, तो मुझसे सवाल नहीं पूछने को कहा गया। मेरे परिवार की दो पीढ़ियां सामाजिक कार्यों में लगी हुई हैं, और मुझे विश्वास है कि मैं लोगों की चिंताओं को दूर कर सकता हूं। यह इस बारे में नहीं है कि कौन सरकार बनाएगा, बल्कि सड़कों की मरम्मत कब होगी और नौकरियां कैसे पैदा होंगी। ”
गिर सोमनाथ निर्वाचन क्षेत्र के तलाला से 25 साल के एक अन्य उम्मीदवार फैजल धमलोट ने कहा कि युवाओं की समस्याओं को सुनना समय की जरूरत है। उन्होंने कहा, “स्थानीय आंदोलन में भाग लेने के लिए मैंने कुछ साल पहले बीकॉम की पढ़ाई छोड़ दी। मैं अपनी शिक्षा पूरी करना चाहूंगा, लेकिन नौकरियां या अवसर कहां हैं? मेरा सभी से अनुरोध है कि यह सुनिश्चित करें कि एक स्थानीय उम्मीदवार को ही विधानसभा में भेजें, जो निर्वाचन क्षेत्र के मुद्दों को अच्छी तरह से समझता है। ”
Also Read: बजट में हो सकती है 400 वंदे भारत ट्रेनों की घोषणा