गुजरात पुलिस में 8000 सिपाहियों की भर्ती की जाएगी। बेरोजगारों के लिए यह बड़ा एलान गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने गुजरात विधानसभा में मंगलवार को गृह विभाग की चर्चा के दौरान दिया। उन्होंने सदन में जानकारी देते हुए बताया कि गृह विभाग इस साल 8 हजार नए पदों पर भर्ती करेगा. जिसकी शारीरिक परीक्षा ग्रीष्मावकाश समाप्त होने के बाद आयोजित की जायेगी. विदित हो कि गुजरात पुलिस में 2 . 40 लाख से अधिक का पद मंजूर है। जिसमे 1. 26 लाख स्थायी कर्मचारी हैं जबकि एक लाख कर्मचारी ग्राम रक्षक दलक और सागर सुरक्षा दल से जुड़े हुए है। 14 हजार से अधिक कर्मचारी 11 महीने के करार पर हैं। 14000 से अधिक पद रिक्त हैं।
37 वर्षीय हर्ष संघवी ने कहा की पिछले 9 साल में 60000 पुलिस कर्मियों की भर्ती की गयी है। कांग्रेस की सरकारों पर भर्ती ना करने का उन्होंने आरोप लगाया। सूरत की मज़ुरा विधानसभा से तीसरी बार निर्वाचित संघवी ने गुजरात विधानसभा को बताया कि जिन 8 हजार पदों पर भर्ती की जानी है उनमे एसआरपी की महिला बटालियन का भी समावेश है।
इसी चर्चा के दौरान 2015 में आरक्षण की मांग को लेकर पाटीदार आंदोलन का नेतृत्व करने वाले हार्दिक पटेल ने आज विधानसभा में राज्य के गृह विभाग के काम की तारीफ की. हार्दिक पटेल ने विधानसभा सदन में कहा, 22 साल पहले गुजरात का क्या हाल था. आज खुशी इस बात की है कि पिछले पांच सालों में बीजेपी सरकार और मजबूत हुई है और गुजरात को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया है।
हार्दिक पटेल द्वारा गृह विभाग की तारीफ करने के बाद कांग्रेस विधायक सीजे चावड़ा ने राज्य पुलिस को बधाई दी है. उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि जिन लोगों पर देशद्रोह का आरोप लगता है, वे आज देशभक्ति की बात करते हैं। हार्दिक ने उन्हें जवाब दिया कि यह मेरे खिलाफ देशद्रोह नहीं बल्कि राजद्रोह का आरोप है, कांग्रेस को हमारी देशभक्ति कैसे पता चलेगा । हम उस सरदार के वंशज हैं जिसे कांग्रेस सरदार नहीं मानती।
कांग्रेस विधायक शैलेश परमार ने कहा कि गुजरात में गृह विभाग के बजट से ज्यादा शराब और ड्रग्स पकड़ा जाता है। नेशनल हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस के उपनेता ने कहा कि गुजरात में शराब पीने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। युवाओं में भी शराब की लत तेजी से बढ़ रही है। राज्य के स्पेशियल मॉनिटरिंग सेल के प्रमुख निर्लिप्त राय की तारीफ़ करते हुए परमार ने कहा कि वह अच्छा काम कर रहे हैं लेकिन उनके काम की भी जासूसी होती है। छापे के पहले छापे की जानकारी बूटलेगर को मिल जाती है। पुलिस विभाग से ही सूचना लीक होती है। छापा डालने गए पीआई पर हमला हो जाता है। स्कॉड और पुलिस आमने सामने आ जाती है।