निकाय प्रमुख एम थेनारासन (civic chief M Thennarasan) ने अप्रैल में अधिकारियों को शहर के सभी 14 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) से हर दूसरे दिन उपचारित पानी (treated water) के नमूने लेने और केंद्रीय प्रयोगशाला में गुणवत्ता की जांच कराने का आदेश दिया था। अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (एएमसी) के सूत्रों के मुताबिक, इनमें से करीब 50 फीसदी ट्रीटेड पानी के सैंपल टेस्ट में फेल हो गए हैं।
शहर में 3,380 किमी में फैला जल निकासी नेटवर्क (drainage network) और 950 किमी लंबा तूफानी जल नेटवर्क है। ये नेटवर्क प्रतिदिन 1,320 एमएलडी सीवेज उत्पन्न करते हैं। साबरमती में छोड़े जाने से पहले प्रदूषकों के उपचार के लिए 68 ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन हैं, जो इन पानी को एसटीपी में धकेलते हैं, जिनमें विंज़ोल, वासना, पिराना, वदज और शंकर भुवन शामिल हैं।
सूत्रों ने कहा कि एएमसी सतर्कता विभाग (AMC vigilance department) द्वारा मार्च में की गई जांच में विंजोल में 100 एमएलडी संयंत्र में चार अनियमितताओं का खुलासा हुआ। ठेकेदार पर 5.71 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाया गया। एएमसी प्रमुख के 14 नवंबर, 2022 को एसटीपी का दौरा करने के बाद जांच शुरू की गई थी। थेनारासन डेढ़ साल पहले 103 करोड़ रुपये में बने प्लांट के प्रबंधन और कामकाज से नाराज थे।
विजिलेंस डिपार्टमेंट ने लिक्विडेटेड हर्जाने (liquidated damages) से संबंधित अनियमितताएं पाईं, जिसके लिए ठेकेदार एचएनबी इंजीनियरिंग पर 84.39 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। आउटलेट मापदंडों पर चूक करने और खराब प्रदर्शन के लिए ऑपरेटर पर 1.25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था, और पर्याप्त जनशक्ति को रोजगार नहीं देने के लिए 44.86 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। मीथेन गैस से बिजली पैदा करने वाला यह संयंत्र शहर का पहला संयंत्र था। अपर्याप्त बिजली उत्पादन के लिए कंपनी पर 3.17 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
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