मेहसाणा में एक 18 वर्षीय दलित छात्र पर कथित रूप से हमला करने के आरोप में पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। छात्र ने अभी तक रिलीज नहीं हुई फिल्म “पठान” को लेकर इंस्टाग्राम पर कुछ लिखा था।
पुलिस के अनुसार, यह घटना 26 दिसंबर को हुई थी। मेहसाणा के उंझा तालुका में बीपी ब्रह्मभट्ट कॉलेज के सेकेंड ईयर (second year undergraduate) के छात्र हितेश कुमार परमार को उनके गांव के ही पांच लोगों ने कथित रूप से पीटा था। वे दूसरी जाति के थे।
पुलिस ने कहा कि दभियापुरा गांव के परमार ने फिल्म पर पोस्ट को हटाने से इनकार कर दिया था। उन्हें ऐसा करने के लिए एक आरोपी ने उनके सोशल मीडिया हैंडल पर धमकी दी थी।
मेहसाणा जिले के उनावा पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, परमार परीक्षा के लिए कॉलेज जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे। तभी दभियापारा गांव के अभयसिंह राजपूत आए और उनके सिर और कंधे पर मारना शुरू कर दिया। साथ ही जातिसूचक गालियां दीं।
कथित हमले से एक दिन पहले परमार ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर फिल्म ‘पठान’ का एक पोस्टर अपलोड किया था। इसके बाद अभयसिंह ने उन्हें सोशल मीडिया पर इसे डिलीट करने की धमकी दी थी। लेकिन परमार ने स्टोरी नहीं हटाई।
पुलिस ने कहा कि अभयसिंह के अन्य दोस्तों- प्रदीपसिंह राजपूत, दभियापारा के वंशराज राजपूत और गांव के डाबरवास इलाके के हिरेन राजपूत और कपिल राजपूत ने भी परमार के साथ मारपीट की और उन्हें जातिसूचक गालियां दीं। पुलिस के मुताबिक, कई ग्रामीणों के मौके पर इकट्ठा होने के बाद आरोपी भाग गए। परमार को मारपीट से आनंदजी ठाकोर नाम के एक व्यक्ति ने बचाया। बाद में परीक्षा देने के लिए परमार बस से कॉलेज चले गए।
दोपहर में वह घर लौटे और परिवार को आपबीती सुनाई। परिवार वाले उन्हें उंझा के सिविल अस्पताल ले गए, जहां उसका प्राथमिक उपचार किया गया।
उनावा पुलिस थाने के इंस्पेक्टर एसआर पटेल ने कहा, ‘आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस के एसटी/एससी सेल के तहत जांच चल रही है।’ पांचों आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून, 1989 की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ आईपीसी की धाराएं भी लगाई गई हैं।
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