नई दिल्ली | आतंकवाद निरोधी कानून एवं गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम ( यूएपीये } कानून के दुरप्रयोग की खबरें अक्सर देश के अलग अलग हिस्से से आती रहती हैं , विभिन्न सामाजिक तथा मानवाधिकार संगठन भी इसे सरकार के बदले की कार्यवाही से जोड़कर देखते रहते हैं |
राज्यसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा दिए गए एक लिखित जवाब में उक्त आरोपों की पुष्टि भी होती है | तीन साल में 4690 आरोपियों की आतंकवाद निरोधी कानून एवं गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम ( यूएपीये } कानून के तहत गिरफ्तारी की गयी है लेकिन सजा महज 149 को ही हो सकी|
उक्त गिरफ्तारी देश के अलग अलग हिस्सों में की गयी हैं | हालांकि उन्हें इसे न्यायिक मामला करार देखकर कम सजादर का बचाव किया | राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि वर्ष 2018 में 1421 आरोपी आतंकवाद निरोधी कानून एवं गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम ( यूएपीये } के तहत गिरफ्तार किये गए जिसमे 35 आरोपी न्यायिक प्रक्रिया में दोषी पाए गए , जबकि वर्ष 2019 में 1948 आरोपी उक्त कानून के तहत गिरफ्तार हुए जिनमे महज 34 आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप साबित हो पाए |
वहीँ 2020 में 1321 व्यक्ति गिरफ्तार हुए जिनमे सर्वाधिक 80 आरोपी सजायाफ्ता हुए | मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि दोषसिद्धि एक विस्तृत न्यायिक प्रक्रिया का परिणाम है और विभिन्न कारकों पर निर्भर है, जैसे कि परीक्षण की अवधि, साक्ष्यों का मूल्यांकन, गवाहों की परीक्षा इत्यादि | केंद्रीय गृह राज्य मंत्री राय के मुताबिक कानून के दुरूपयोग को रोकने के लिए यूएपीए में निहित सुरक्षा पहलुओं सहित पर्याप्त संवैधानिक, संस्थागत और सांविधिक सुरक्षा उपाय हैं।