शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास (Education Culture Upliftment Trust), नई दिल्ली एवं इंडियन इकॉनोमिक एसोसिएशन (Indian Economic Association) के संयुक्त तत्वावधान में विश्व के महान दार्शनिक, मनोवैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रियों का शिक्षा में योगदान (राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विशेष संदर्भ में) विषय पर आयोजित दो दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी (international symposium) का आगाज रविवार से बीकानेर में होगा। संगोष्ठी में देश-विदेश से 400 शिक्षाविद् दार्शनिक, मनोवैज्ञानिक एवं समाजशास्त्री हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम संयोजक डॉ. राजेन्द्र कुमार श्रीमाली ने यह जानकारी दी।
विशिष्ट अतिथि युरेशियन राष्ट्रीय विश्वविद्यालय (Eurasian National University) के राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रोफेसर येलेना नेचायेबा (Professor Yelena Nechayba) होंगी। मुख्य वक्ता राष्ट्रीय सचिव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के डॉ. अतुल कोठारी होंगे। अध्यक्षता महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह करेंगे। इस पूरे प्रोग्राम के लिए एक पुस्तक प्रकाशित करवाई है, जिसमें शिक्षकों, समाजशास्त्रियों और महान दर्शनशास्त्रियों के लगभग 250 से ज्यादा लेख इसमें समाहित किए गए हैं।
प्रेस वार्ता के दौरान मौजूद वक्ताओं ने कहा कि हमें कोशिश करना चाहिए कि उच्च शिक्षा मंत्री और राज्य शिक्षा मंत्रियों को हम अपने सुझाव भेजें, ऐसा हमारा मानना है। उन्होंने कहा कि “इसका उद्देश्य है कि देश की शिक्षा नीति में उचित बदलाव हो, इसके लिए हम सब मिल कर कोशिश करें। हम सभी के सुझाव इस बारे में आमंत्रित करते हैं। साथ ही सरकार से भी मांग करते हैं कि शिक्षा नीति में परिवर्तन करते हुए नई शिक्षा नीति पर काम करें।” उन्होंने बताया कि यह सेमीनार दो दिनों तक चलेगा। रविवार और सोमवार को दो दिन स्थानीय लोग इस संगोष्ठी में आमंत्रित हैं।
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