दाहोद जिला बाल संरक्षण इकाई (CPU) ने अवैध रूप से गोद लेने के एक कथित मामले में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस मामले में एक आदिवासी दंपती ने अपने बच्चे को उत्तर प्रदेश के एक प्रवासी जोड़े (migrant couple) को सौंप दिया था।
दाहोद सीपीयू के मुताबिक, लिमखेड़ा तालुका के एक आदिवासी दंपती के तीन बेटों सहित आठ बच्चे हैं। उन्होंने गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया शुरू किए बिना ही अपने नौवें बेटे को प्रवासी परिवार को सौंप दिया। चारों आरोपियों की पहचान रायसिंह भाभोर, उनकी पत्नी रमीला, विजय चौहान और उनकी पत्नी रीता देवी के रूप में हुई है।
दाहोद सीपीयू ने मामले की जांच की। उसके अनुसार, रायसिंह भाभोर और उनकी पत्नी रामिला ने अक्टूबर 2022 में अपने नौवें बच्चे को जन्म दिया था। दोनों ने बच्चे को विजय चौहान और उनकी पत्नी रीतादेवी को सौंपने का वादा किया था, क्योंकि एक और बच्चा पैदा करना उनके लिए संभव नहीं था।
जांच से पता चला कि चौहान निःसंतान थे और उन्होंने भाभोर दंपती के साथ घनिष्ठ संबंध बना लिए थे। रमीला ने कथित तौर पर रीता को बताया कि परिवार खेतिहर मजदूरी पर निर्भर है। ऐसे में पति की मामूली कमाई से पेट भरना कठिन है। यह जानकर विजय ने भाभोर दंपती को बच्चे को जन्म देने के बाद उन्हें सौंपने का सुझाव दिया। समझौते के अनुसार, रमीला ने नौवें बच्चे को जन्म देने के बाद चौहान दंपती को सौंप दिया।
जांच रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि चौहान ने कथित रूप से विजय और रीता को जैविक माता-पिता के रूप में दिखाते हुए गलत जानकारी देकर ग्राम पंचायत में पंजीकृत (registered) बच्चे के जन्म के दस्तावेज भी हासिल किए थे। जिला सीपीयू ने अब चार व्यक्तियों- रायसिंह, रमीला, विजय और रीता देवी के खिलाफ एक औपचारिक मामला (formal case) दर्ज करने के लिए जिला पुलिस से संपर्क किया है।
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