अहमदाबाद सीरीयल ब्लास्ट 2008 को “रेयर ऑफ द रेयरेस्ट केस” करार देते हुए जिला सत्र न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए एक साथ 38 दोषियों को फांसी और 11 दोषियों को आजीवन कारावास ( अंतिम साँस तक जेल ) की सजा सुनाई है । साथ ही हर दोषी को 2. 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है। ऑनलाइन फैसले की सुनवाई के दौरान दोषी भी ऑनलाइन शामिल हुए। सबसे रोचक बात है कि यह देश के इतिहास में पहला ऐसा मामला है, जिसमें एक केस में सर्वाधिक लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। इससे पहले पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के मामले में 26 लोगों को फांसी हुई थी।
विशेष न्यायाधीश एआर पटेल ने फैसला सुनाते हुए विस्फोटों में मारे गए लोगों को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया। उन्होंने गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये और नाबालिगों के लिए 25,000 रुपये का मुआवजा भी दिया।
आईपीसी, यूएपीए, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम की प्रत्येक धारा के तहत 49 दोषियों में से प्रत्येक को दी गई सजाएं साथ-साथ चलेंगी। साथ ही अदालत ने 48 दोषियों पर से प्रत्येक पर 2.85 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
8 फरवरी को, विशेष न्यायाधीश ने कुल 78 आरोपियों में से 49 को भारतीय दंड संहिता के विभिन्न अपराधों के तहत दोषी घोषित किया था, जिसमें हत्या, देशद्रोह और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने के साथ-साथ यूएपीए, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के अपराध भी शामिल थे।
28 आरोपी हो गए थे बरी
न्यायाधीश एआर पटेल ने गुजरात के सबसे बड़े शहर में हुए 21 सिलसिलेवार धमाकों में आरोपी 28 लोगों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था| अदालत ने जिन लोगों को दोषी करार दिया है उनमें सफदर नागोरी, जावेद अहमद और अतीकुर रहमान भी शामिल हैं| निचली अदालत ने धमाकों के करीब 13 साल बाद फैसला सुनाया था और मामले में 77 अभियुक्तों के खिलाफ सुनवाई पिछले साल सितंबर में पूरी कर ली थी. विशेष लोक अभियोजक अमित पटेल ने बताया था कि अदालत ने 49 अभियुक्तों को गैरकानूनी गतिविधि (निषेध) अधिनियम की धारा-16, जो आतंकवाद से जुड़ा है और अन्य प्रावधानों, भारतीय दंड संहिता की धारा-302 (हत्या), धारा-120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी करार दिया है|
उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष ने जोर दिया कि यह आतंकवादी गतिविधि है और अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान 547 अरोप पत्र दाखिल किए गए और 1,163 गवाहों को पेश किया गया. उन्होंने कहा, ‘अदालत ने 28 अभियुक्तों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है. फैसले को पढ़ने के बाद विस्तृत जानकारी मिलेगी जिसे उन्होंने अबतक नहीं देखा है.’
26 जुलाई, 2008 को अहमदाबाद में एलजी अस्पताल, सिविल अस्पताल और अन्य स्थानों जैसे विभिन्न स्थानों पर बम विस्फोट हुए, जिसमें 56 लोग मारे गए और लगभग 200 घायल हो गए। आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी।
इनको हुयी फांसी की सजा
- जाहिद उर्फ जावेद
- इमरान इब्राहिम शेख
- इकबाल कासम शेख
- समसुद्दीन शेख
- गयासुद्दीन अंसारी
- मोहम्मद आरिफ कागजी
- .मोहम्मद उस्मान अगरबत्तीवाला
- हुसैन मंसूरी
- कमरुद्दीन उर्फ़ राजा
- आमिल परवाज
- सीबली उर्फ़ सबीद
- सफ़दर हुसैन नागोरी
- हफीज हुसैन अदनान
- मोहम्मद साजिद साद
- अबूबसार उर्फ़ मुफ्ती शेख
- अब्बास समेजा
- जावेद अहमद शेख
- मोहम्मद इस्माइल मंसूरी
- अफजल उस्मानी
- मोहम्मद आरिफ शेख
- आसिफ शेख
- मुहम्मद आरिफ मिर्जा
- कयामुद्दीन कपाड़िया
- मुहम्मद सैफ शेख
- जीसन अहमद
- जियाउर रहमानी
- मोहम्मद शकील लुहारी
- अनिक खालिद मोहम्मद अकबर चौधरी
- फज़ल रहमान दुर्रानी
- मोहम्मद नौसाद सैयद अहमदबावा बरेल्विक
- सरफुद्दीन सत्तारी
- सैफुर रहमान अंसारी
- मोहम्मद अंसार सादुली अब्दुल करीमी
- मोहम्मद तनवीर पठान
- आमीन उर्फ राजा
- मोहम्मद मोबिन
- मोहम्मद अबरार मनियार मोहम्मद रफीक़ी
- तौसिफखान पठान
इन धाराओं में सुनायी सजा
सभी 49 अभियुक्तों को 120 (बी) के अनुसार आजीवन कारावास और 10 हजार जुर्माना की सजा सुनाई गई।
120बी के तहत सजा… आजीवन कारावास
121ए के तहत..10 साल
307 के तहत … 10 साल
124 ए… आजीवन कारावास
326..10 वर्ष से कम
कोर्ट सभी आरोपियों को अलग-अलग धाराओं के तहत सजा सुनाई है.