कोटा के एक कोचिंग सेंटर (Kota coaching centre) में प्रतियोगी प्रवेश परीक्षा (competitive entrance tests) की तैयारी कर रहे तीन छात्रों ने रविवार देर रात आत्महत्या (suicide) कर ली, जिससे प्रमुख तकनीकी और मेडिकल कॉलेजों में सीमित सीटों के लिए राजस्थान शहर के निजी संस्थानों में किशोरों के दबाव का experience फिर से सुर्खियों में आ गया।
उनमें से दो बिहार के थे, और तीसरा मध्य प्रदेश का था। पुलिस ने कहा कि उन्होंने कोई सुसाइड नोट (suicide note) नहीं छोड़ा है, लेकिन संदेह है कि तनाव ने उन्हें इतना बड़ा कदम उठाने के लिए प्रेरित किया होगा।
बिहार के सुपौल जिले के 16 वर्षीय अंकुश आनंद और मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के 17 वर्षीय प्रणव वर्मा मेडिकल कॉलेजों (medical colleges) की राष्ट्रीय पात्रता और प्रवेश परीक्षा (नीट) के लिए कोचिंग कर रहे थे। तीसरा छात्र 18 वर्षीय उज्जवल कुमार था, जो बिहार के गया जिले का रहने वाला जेईई की तैयारी कर रहा था।
उसके कमरे में मिली चूहे मारने की दवा की बोतल से पता चला कि प्रणव की रविवार देर रात शहर के लैंडमार्क इलाके में स्थित उसके छात्रावास में जहर खाकर मौत हो गई। वह पिछले दो साल से कोचिंग (coaching) कर रहा था।
सर्कल इंस्पेक्टर (Circle inspector) गंगा सहाय शर्मा (Ganga Sahay Sharma) ने कहा कि प्रणव अपने छात्रावास के एक गलियारे में बेहोशी की हालत में पाया गया था। आधी रात को पुलिस हॉस्टल पहुंची और लड़के को अस्पताल ले गई, जहां पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। डीएसपी अमर सिंह (DSP Amar Singh) ने कहा कि अंकुश और उज्जवल पिछले छह महीने से एक ही पेइंग गेस्ट (paying guest) में रह रहे थे और दोनों एक ही कोचिंग संस्थान (coaching institute) में प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे थे।
वे कोटा के तलवंडी इलाके (alwandi area) में पीजी में बगल के कमरे में थे। सोमवार सुबह 11 बजे तक जब लड़कों ने अपने दरवाजे नहीं खोले तो साथी बोर्डर्स ने पीजी के केयरटेकर को इसकी सूचना दी, जिन्होंने पुलिस को फोन किया। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और लड़कों को अपने कमरे में पंखे से लटका पाया।
डीएसपी ने कहा कि उनकी मौत का सही समय शव परीक्षण के बाद पता चल सकता है, जो उनके परिवारों के कोटा पहुंचने के बाद किया जाएगा। उज्जवल की बहन भी कोटा के एक कोचिंग सेंटर (coaching centre) में नामांकित है और तलवंडी इलाके में एक निजी कन्या छात्रावास में रहती है। प्रारंभिक पूछताछ में पाया गया कि अंकुश और उज्जवल काफी समय से उनके कोचिंग संस्थान (coaching institute) में कक्षाएं छोड़ रहे थे।
अधिकारी शर्मा ने बताया कि प्रणव का शव पोस्टमार्टम के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया गया और यह जानने के लिए मामला दर्ज किया गया कि उसने सुसाइड क्यों की।