उद्योगपति ललित मोदी एक दशक पहले देश से भाग गए थे। बीते 13 वर्षों से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा रखा है। लेकिन अपने यहां से मोदी का हटाने के लिए बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) अब नींद से जागा है। भारत के सबसे पुराने क्रिकेट एसोसिएशन के संरक्षकों (patrons) में 26 साल से चला आ रहा था।
बीसीए मैनेजमेंट ने सोमवार को कहा कि उसने मोदी को इस लिस्ट से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
बीसीए के कोषाध्यक्ष (treasurer) शीतल मेहता ने कहा, “हमने सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल जारी किए गए अंतिम गाइडलाइन के बाद बीसीए के संरक्षकों की सूची से मोदी को हटाने की प्रक्रिया शुरू की है। बीसीए इस मामले में बीसीसीआई और केंद्रीय गृह मंत्रालय से बात करेगा।”
गौरतलब है कि आईपीएल के तीसरे सीजन के बाद मोदी 2010 में देश छोड़कर भाग गए थे। तब से वह ब्रिटेन में हैं। 2018 में सरकार ने ब्रिटेन से मोदी को भारत को सौंपने लिए कहा था।
बीसीए में मोदी का प्रवेश 1994-95 में तब हुआ, जब उन्होंने बड़ौदा रणजी टीम को तीन साल के लिए प्रायोजित करने की पेशकश की। स्पांसरशिप का 60% पैसा क्रिकेटरों को जाता था, तो 40% बीसीए रखता था।
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