मांगरोल में दो साल सेवा देने के बाद अपने विदायी समारोह में डीवायएसपी जेडी पुरोहित ने अपने संबोधन से ना केवल लोगों का दिल जीत लिया बल्कि मांगरोल पर लगे ” सांप्रदायिक तनाव ” के दाग को भी हमेशा के लिए धो दिया | जेडी पुरोहित को सुरेंद्र नगर के ध्रागंधरा तालुका में संभागीय पुलिस अधिकारी के रूप में तैनात किया गया है। इस अवसर पर सभी नागरिकों द्वारा मांगरोल मुरलीधर वाडी में विदाई समारोह का आयोजन किया गया.समारोह को संबोधित करते हुए डीवायएसपी पुरोहित ने कहा, “मांगरोल आने से पहले, मेरे मन में यह धारणा थी कि यहा हमेशा सांप्रदायिक दंगे होते हैं।” लेकिन यहां आकर मुझे पता चला कि यहां के लोग बहुत मिलनसार हैं और भाईचारे में आस्था रखते हैं।आज जब मैं मांगरोल से निकल रहा हूं, तो मेरे मन में जो कुछ था, उसके ठीक विपरीत ले जा रहा हूं, जब मैं यहां आया था। उनके इस भाषण से मांगरोल के हिंदू समुदाय के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय के लोग भी भावुक हो गए। और सभी ने उसकी सराहना की।
मांगरोल के नागरिकों की प्रशंसा करते हुए डीवायएसपी जेडी पुरोहित ने कहा कि पुलिस को गांव में आने की कोई जरूरत नहीं है. यहां के स्थानीय मुद्दों का समाधान गांव के ही लोगों द्वारा ही किया जाता है। इसके अलावा उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान लोगों द्वारा अनुभव की गई मानवता के मामलों को भी बयां किया |
डीवायएसपी जेडी पुरोहित ने कहा कि उनके दरवाजे हमेशा सब के लिए खुले रहते थे ,उनका मोबाईल नंबर सबके पास होता था , कोई कभी भी फ़ोन कर सकता था ,जिसका फायदा कई मामलों को सुलझाने में हुआ | डीवायएसपी जेडी पुरोहित ने कहा कि उनके दरवाजे हमेशा सब के लिए खुले रहते थे ,उनका मोबाईल नंबर सबके पास होता था , कोई कभी भी फ़ोन कर सकता था ,जिसका फायदा कई मामलों को सुलझाने में हुआ | उन्होंने बताया की एक व्यापारी ने उन्हें बताया की एक अर्धविक्षिप्त महिला कुछ महीनों से घूम रही है ,शायद वह गर्भवती है ,इस सुचना के आधार पर महिला को थाने बुलाया ,मेडिकल जाँच में वह गर्भवती थी , उसका उसके परिवार से मिलन कराया , बिना जन सहयोग के यह संभव नहीं था |