गुजरात राज्य में अंगदान के प्रति जागरूकता के कारण अंगदाताओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। 31 दिसंबर, 2022 तक अंगदान की संख्या बढ़कर 817 हो गई, जो 2020 के अंत तक 448 थी। इस अवधि के दौरान, जीवित व्यक्तियों से अंग दान गुजरात में 345 मामलों से बढ़कर 669 हो गया, जबकि मृत व्यक्तियों के अंग दान 2020 के अंत में 103 से बढ़कर 2022 के अंत तक 148 अंगदान हुए ।
इस अवधि के दौरान अखिल भारतीय स्तर पर अंग दान की कुल संख्या 7519 से बढ़कर 13,695 हो गई। अंग दान के लिए पंजीकृत प्रतिज्ञाओं के संदर्भ में, गुजरात में 8,996 प्रतिज्ञाएँ थीं, जबकि पूरे देश के लिए प्रतिज्ञाओं की कुल संख्या 4,48,582 थी।
यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने 14 मार्च, 2023 को राज्यसभा में संसद सदस्य परिमल नाथवानी द्वारा उठाए गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए।
सांसद नाथवानी देश में अंगदान को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के साथ-साथ पिछले तीन वर्षों में भारत में कितने अंगदान किए गए और कितने लोगों ने अंगदान के लिए अपना पंजीकरण कराया है, के बारे में जानना चाहते थे।
मंत्री के बयान के अनुसार भारत में अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। इनमें NOTTO (राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन), ROTTO (क्षेत्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन) और SOTTO (राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन) द्वारा कई भौतिक, टीवी, डिजिटल और सोशल मीडिया चैनलों और कार्यक्रमों के माध्यम से सूचना का प्रसार शामिल है।
सरकार ने मृतक दाता से अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता वाले रोगियों के पंजीकरण के लिए राज्य के निवासी आवश्यकता को समाप्त करने का निर्णय लिया है। साथ ही, नए सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार, मृतक दाता अंग प्राप्त करने के लिए पंजीकरण की पात्रता के लिए 65 वर्ष की ऊपरी आयु सीमा को हटा दिया गया है।