गुजरात में एक आदिवासी महिला एक पारिवारिक विवाद के मामले में अपनी जान पर खतरे को लेकर डर रही है और पुलिस से मदद की गुहार लगा रही है। आरोपी ने कथित तौर पर उसका शारीरिक और यौन उत्पीड़न भी किया था।
43 वर्षीय विनीता ने छोटा उदेपुर में चिछोड़ पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। उसका कहना है कि उसके 21 वर्षीय बेटे अजय ने 19 वर्षीय पायल से प्रेम विवाह किया है। पायल के परिवार को यह विवाह स्वीकार्य नहीं है। विनीता ने वाइब्स ऑफ इंडिया को बताया कि उनके बेटे की इसी 12 जून को शादी हुई थी। पायल भी सूरत के पास पलसंडा गांव के जनजातीय समुदाय की है। विनीता के मुताबिक, शादी के चार दिन बाद पायल के परिवार के लोगों ने उनकी झोपड़ी पर धावा बोल दिया। पायल के पिता राजूभाई पलसंडा की अगुआई में 11 लोग आए थे। इनमें राजू राठौड़, विपुल राठौड़, कडू राठौड़, माशा राठौड़, नीतू राठौड़, भरू राठौड़, तेरसिंह राठौड़, विकेश राठौड़, दिलीप और राहुल शामिल थे।
खेतों में मजदूरी करने वाली विनीता ने बताया, ‘मेरी बहू के परिवार और रिश्तेदारी के लोग मेरे घर में घुस आए। मेरे पति खेत में थे। उन्होंने बार-बार पूछा कि पायल कहाँ है। पायल और अजय शादी के बाद घर नहीं आए हैं और मुझे शादी के बारे में भी पता नहीं था।’
विनीता से मिलने आई उसकी बेटी ने वीओआई को बताया, ‘मेरी माँ ने भागने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने उसे बालों से पकड़ लिया और सरेआम सड़क पर घुमाया। सभी 11 लोगों के पास लाठियां थीं और करीब 30 मिनट तक मेरी मां को पीटते रहे।’
बेटी ने कहा कि उसकी मां पानी के लिए गुहार लगा रही थी। वीओआई ने विनीता से पूछा, तो उसने बताया कि उसने पानी के कुछ घूंट मांगे तो हमला करने आए पुरुषों ने पेशाब किया और उसे पीने के लिए मजबूर किया।
विनीता को फ्रैक्चर भी हुआ है। उसने कहा कि उसकी बहू के पिता और कुछ अन्य लोगों ने उसे घेरकर यौन उत्पीड़न किया और कई के साथ ओरल सेक्स के लिए मजबूर किया।
पुलिस जब तक मौके पर पहुंची, तब तक वे लोग भाग चुके थे। विनीता को तेजगढ़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसे आज छुट्टी दे दी गई। अपनी जान के डर से वह सुरक्षा के लिए किसी अज्ञात स्थान पर चली गई है। उसकी बेटी ने पुष्टि की कि उन सभी को जान से मारने की धमकी मिल रही है। इस बीच पायल और अजय परिवार के गुस्से और बदले की भावना के डर से फरार चल रहे हैं।
आज शाम अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पूरा परिवार स्थानीय पुलिस थाने में इस भयानक घटना को लेकर अतिरिक्त जानकारी देने पहुंचा।
छोटा उदेपुर के एसपी धर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि इस मामले में पीड़ित महिला और आरोपी एक ही समुदाय के हैं। महिला ने तीन दिन पहले छोटा उदेपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत की थी और घटना के बारे में बताया था।
पीड़िता का बेटा और मुख्य आरोपी की बेटी दोनों बालिग हैं और उन्होंने एक रजिस्टर्ड शादी की है, जो कानूनी तौर पर वैध है। हमने मामला दर्ज कर लिया है और इसकी जांच कर रहे हैं। इस तरह की गंभीर घटनाओं को माफ करने का सवाल ही नहीं उठता।
धर्मेंद्र शर्मा ने आगे बताया कि उन्होंने भारतीय दंड संहिता की धारा 143 (गैरकानूनी तौर पर जुटना), 147 (दंगा करना), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 325 (गंभीर चोट पहुंचाना), 504 (जानबूझकर अपमान करना और उकसाना) और 506 (2) (आपराधिक धमकी) के तहत शिकायत दर्ज की है।
इस खबर तक पहुंचने में मदद करने वाले और वाइब्स ऑफ इंडिया के लिए विनीता का वीडियो साक्षात्कार करने वाले बोडेली लाइव न्यूज के बरकतुल्ला खत्री ने बताया, ‘आदिवासी महिला के परिवार ने मदद के लिए मुझसे संपर्क किया। जब मैंने उससे बातचीत की, वह अस्पताल के बिस्तर पर थी, कांप रही थी और डरी हुई थी। उसे चोट लगी थी और वह मुश्किल से बोल पा रही थी। आदिवासी समुदाय में ज्यादातर मामलों को खाप पंचायत और सरपंच द्वारा सुलझाया जाता है। लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।’
ये है प्यार की कीमत और गुजरात के गांवों की रोजमर्रा की सच्चाई।
2018 में 38 साल की बुचिबेन वसावा पर भी इसी तरह से हमला किया गया था, जब उसका बेटा कल्पेश एक लड़की के साथ भाग गया था।
मई 2020 में, एक लड़के के साथ भागने के कारण छोटा उदेपुर की एक 16 वर्षीय नाबालिग आदिवासी लड़की को उसके पिता के सामने तीन लोगों ने पीटा था।
दलित कार्यकर्ता और वडगाम के विधायक जिग्नेश मेवानी ने वीओआई को बताया कि गुजरात दलितों और आदिवासियों के लिए धरती का नर्क है। 2019 में गुजरात सरकार ने जानकारी दी कि 2013 से 2017 के बीच अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराधों में 32% और इसी अवधि में अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ अपराधों में 55% की वृद्धि हुई। उन्होंने कहा, ‘जब आप इन आंकड़ों को पढ़ रहे हैं, तब साथ-साथ यह संख्या और बढ़ती जा रही है।’