एक ओर गुजरात पुलिस बल मास्क नहीं पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर लोगों पर जुर्माना लगा रहा था, तो दूसरी ओर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी ही वायरस से संक्रमित हो गए।
एक लाख से ज्यादा के पुलिसबल में करीब 12,300 पुलिसकर्मी व अधिकारी मार्च, 2020 से अब तक संक्रमित हुए हैं। चिंताजनक बात यह है कि इनमें से 140 ने संक्रमण के कारण जान गंवा दी है।
एक उच्च पुलिस अधिकारी ने बताया कि करीब 90 लोगों की जान महामारी की दूसरी लहर के दौरान गई है। 2020 से अब तक कुल मौतों का यह 64 प्रतिशत है। हालांकि उच्चाधिकारियों को अब राहत इस बात की है कि करीब 95 प्रतिशत पुलिसकर्मियों को अब तक टीका लग चुका है।
एक उच्च अधिकारी ने कहा, ‘कोविड-19 से लड़ाई में पुलिसकर्मी फ्रंटलाइन वर्कर्स की भूमिका में हैं। अपने अपने पुलिसकर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षित रखने की दिशा में सभी जरूरी कदम उठाए हैं। मास्क, सैनिटाइजर, ग्लव्स और इम्युनिटी बूस्टिंग दवा की आपूर्ति से लेकर उनके लिए कोविड केयर सेंटर की भी स्थापना की गई। हमने इस दौरान उनके इलाज के दौरान डॉक्टरों की मदद के लिए डीएसपी रैंक के 18 ऐसे अधिकारियों को भी नियुक्त किया, जिन्होंने मेडिसिन में पोस्ट ग्रेजुएट किया हुआ है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘इसके अलावा, हमने कोविड-19 से संक्रमित पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की सहायता के लिए विभिन्न जिलों में क्राइम ब्रांच को जिम्मेदारी भी सौंपी।’
अहमदाबाद में सबसे ज्यादा संक्रमित
आम नागरिकों की तरह संक्रमित पुलिसकर्मियों के मामले में भी अहमदाबाद अव्वल है। यहां मार्च, 2020 से मई, 2021 के बीच 2,408 पुलिसकर्मी संक्रमित हुए। इस शहर में 38 सक्रिय मामले हैं। एक उच्च अधिकारी ने कहा, ‘संक्रमण के करण एक आईपीएस और एक डीएसपी की भी जान गई है।’
जीपीए, कराई और पीटीएस, जूनागढ़ में प्रशिक्षण ले रहे कर्मी भी हुए शिकार
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, महामारी की शुरुआत के बाद से कराई में गुजरात पुलिस अकेडमी (जीपीए) में 174 पुलिस प्रशिक्षु और जूनागढ़ के पुलिस ट्रेनिंग स्कूल (पीटीएस) में 23 प्रशिक्षु कोरोना संक्रमित हो गए।