गुजरात में “लव जिहाद” की पहली शिकायत हैरतअंगेज थी। अब इसने खतरनाक मोड़ ले लिया है। जिस लड़की ने संशोधित गुजरात धर्म स्वतंत्रता अधिनियम- 2021 के तहत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, वह एक बयान देकर अचानक गायब हो गई। उसकी शादी के दो साल हुए थे। उसने बयान दिया था कि मुस्लिम पति के खिलाफ दायर की गई उसकी शिकायत फर्जी थी। उस पर ऐसा करने के लिए दबाव डाला गया था।
पायल (उसकी पहचान जाहिर नहीं करने के मकसद से बदला हुआ नाम) का पता नहीं चला है। अचरज यह कि वडोदरा पुलिस के मुताबिक, शिकायत और उसके बाद आरोपों से इन्कार वाले हलफनामे में दर्ज दस्तखत मेल नहीं खाते हैं। पायल ने सबसे पहले शिकायत दर्ज कराई थी कि वह एक लड़के सैम से इंस्टाग्राम पर मिली थी। उसने उसे मजाकिया, आकर्षक और अपने अनुरूप पाया। तब वह 23 साल की थी। उसकी और सैम की 2019 में शादी हुई थी। सैम के परिवार ने अपने घर और दिलों में उसका स्वागत किया।
पिछले हफ्ते दर्ज कराई अपनी शिकायत में पायल ने कहा था कि सैम ने उसे शादी के लिए फुसलाया था। उसने कहा कि उसने सैम से यह सोचकर शादी की कि वह ईसाई है, लेकिन वह समीर निकला। वह भी समीर कुरैशी। उसे समीर के मुस्लिम होने की जानकारी तब भी नहीं थी, जब निकाह या अंतर्धार्मिक विवाह के लिए स्थानीय प्रशासन के पास अनिवार्य नोटिस दिया गया था। हालांकि दोनों वडोदरा के ही थे।
गुजरात में क्रूर धार्मिक स्वतंत्रता कानून के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाली पहली शख्स बनने के 24 घंटे बाद पायल ने एक हलफनामा दायर किया। इसमें दावा किया गया था कि उसे “कुछ लोगों” ने इस शिकायत को दर्ज करने के लिए मजबूर किया था, ताकि उसके रिश्ते और शादी को लव जिहाद का मामला बनाया जाए।
इन सबके बावजूद महिला का अब तक पता नहीं चला है। वडोदरा पुलिस उसकी तलाश कर रही है। इसलिए कि पुलिस में दर्ज शिकायत और हलफनामे में उसके दस्तखत अलग-अलग हैं। वडोदरा में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने वाइब्स ऑफ इंडिया से पुष्टि की, "पुलिस उसे सुरक्षा देने वाली थी, लेकिन अब वह उसकी तलाश कर रही है। वह लापता है। जब पायल ने सैम उर्फ सैम कुरैशी से संपर्क की कोशिश की गई तो वह 18 जून यानी उस दिन से लापता था, जिस दिन वह पुलिस के पास गई थी। बता दें कि गुजरात में धर्म की स्वतंत्रता का कानून 15 जून 2021 को लागू किया गया था और 72 घंटों के भीतर यह पहली शिकायत थी। पहली शिकायत और हलफनामे में अलग-अलग दस्तखत ने वडोदरा पुलिस को सच्चाई की तलाश में दौड़ा रखा है। एक जांच अधिकारी ने वीओआई से कहा-“ हम पायल का पता लगा रहे हैं। दोनों दस्तखतों को हम फोरेंसिक जांच के लिए भी भेजेंगे। पायल ने एक मजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अपना बयान भी दर्ज कराया था, जिसमें कहा गया था कि प्राथमिकी में दर्ज ब्योरे सही हैं।” गौरतलब है कि पायल एक दलित है। इसलिए उसकी शिकायत एससी/एसटी सेल में भी की गई थी। पायल ने अपनी एफआईआर में कहा था कि समीर कुरैशी वडोदरा के तरसाली इलाके में रहता है। उसने पहले उसे फुसलाया। फिर वडोदरा के कल्याण इलाके में ले जाया गया, जहां उसे धर्म परिवर्तन के लिए “मजबूर” किया गया। शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अब जब महिला लापता हो गई है, तो उनके लिए चुनौती उसे ढूंढना और तथ्यों को जानना है। एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमें उसकी सुरक्षा को भी ध्यान में रखना होगा।” बता दें कि लव जिहाद कानून हाल ही में भारतीय जनता पार्टी शासित कई राज्यों में पारित किया गया है। गुजरात में, इस कानून में आरोपी के दोषी पाए जाने पर 3 से 10 साल की जेल और 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। यह विधेयक 2003 के कानून में संशोधन करता है। अखबारों के मुताबिक, इसमें कहा गया है कि " इसका मकसद उस उभरती हुई प्रवृत्ति पर अंकुश लगाना है, जिसमें महिलाओं को धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से शादी के लिए फुसलाया जाता है।" मूल गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता कानून- 2003, धर्म परिवर्तन से संबंधित है, जिसमें "लुभाना, जबरन या गलतबयानी या किसी अन्य कपटपूर्ण तरीके को अपनाया जाता है"।