गुजरात के गांधीनगर में मानवता की बेजोड़ मिसाल देखने को मिली है। बात शुक्रवार की देर रात की है। एक बच्चे को मंदिर के बाहर छोड़ दिए जाने के बाद स्थानीय निवासी, एक नगर पार्षद और पुलिस ने न उसकी देखभाल के लिए, बल्कि उसके माता-पिता का पता लगाने के लिए भी एक साथ खड़े हो गए। बमुश्किल एक साल का बच्चा कथित तौर पर पेथापुर में स्वामीनारायण मंदिर की गौशाला के बाहर छोड़ दिया गया था। बताया जाता है कि शुक्रवार की रात 9 बजे कोई अनजान शख्स बच्चे को वहां छोड़ गया था। जब लोगों ने उसकी पुकार सुनी, तो वे उसके पास पहुंचे। स्थानीय पार्षद दीप्ति पटेल ने खुद बच्चे की देखभाल तब तक की जब तक उन्हें पता नहीं चल गया कि हुआ क्या है। जब यह पुष्टि हो गई कि बच्चे के माता-पिता नहीं मिल रहे हैं, तो उसे मेडिकल चेकअप के लिए गांधीनगर सिविल अस्पताल ले जाया गया। वहां उसकी जांच रिपोर्ट में कुछ भी गलत नहीं दिखा।
सीसीटीवी फुटेज में एक व्यक्ति दिखा, जो पेठापुर स्वामीनारायण मंदिर के गेट के पास बच्चे को छोड़ते हुए दिखाई दिया। इसके बाद गांधीनगर पुलिस ने इस फुटेज के आधार पर तलाशी अभियान शुरू किया। करीब 20 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बच्चे के पिता का पता राजस्थान में चला। पुलिस के मुताबिक, लड़के का नाम स्मित है और उसका परिवार गांधीनगर का रहने वाला है। पिता का नाम सचिन दीक्षित है, जो गांधीनगर में सेक्टर 26 का निवासी है।
सीसीटीवी फुटेज के जरिए दीक्षित की सैंट्रो कार की पहचान की गई। उसके रजिस्ट्रेशन नंबर से घर का पता चला। पुलिस जब घर पहुंची तो बताया गया कि पिता राजस्थान के लिए निकल गया है। फिर राजस्थान पुलिस से संपर्क करने के बाद दीक्षित को वापस गुजरात लाया गया।
सूत्रों ने बताया कि वैवाहिक विवादों के चलते उसने बच्चे को स्वामीनारायण मंदिर के दरवाजे पर छोड़ दिया था।
जब तक उसके पिता का पता नहीं चला, तब तक बच्चा गांधीनगर के सिविल अस्पताल में स्थानीय भाजपा पार्षद दीप्ति पटेल और उनके पति की देखरेख में रहा। अहमदाबाद पुलिस के क्राइम ब्रांच को मामले की जांच का काम सौंपे जाने के बाद गांधीनगर एलसीबी, एसओजी, महिला पुलिस और पेथापुर पुलिस की टीमों ने तलाशी अभियान में योगदान दिया। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के दो पीआई और 4 पीएसआई और लगभग 30 पुलिस कर्मियों को जांच के लिए लगाया गया था। बच्चे का डीएनए सैंपल भी लिया गया।
जब बच्चा अस्पताल में था, तब गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी भी उसे देखने गए थे। मामले को ट्रैक करने के लिए वह विशेष रूप से सुबह 3 बजे तक पुलिस के लगातार संपर्क में थे।