अहमदाबाद — भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छह दशक से भी अधिक समय के अंतराल के बाद 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में अपना राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित करने जा रही है। यह ऐतिहासिक आयोजन उस राज्य में हो रहा है, जो न केवल कांग्रेस की जड़ों से गहराई से जुड़ा है, बल्कि देश की आज़ादी की लड़ाई में भी अहम भूमिका निभा चुका है। इस बात की घोषणा रविवार को गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया संयोजक डॉ. मनीष दोशी ने की।
यह अधिवेशन एक विशेष ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में आयोजित हो रहा है। वर्ष 2025 में भारत सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती मनाएगा, जो स्वतंत्र भारत के स्थापकों में से एक और कांग्रेस के मजबूत स्तंभ रहे हैं। इसी वर्ष महात्मा गांधी द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने के भी 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। डॉ. दोशी ने कहा कि गुजरात में अधिवेशन का आयोजन इन ऐतिहासिक विरासतों को नमन करने का प्रयास है, विशेषकर सरदार पटेल को, जो गुजरात कांग्रेस के पहले और सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहे।
गुजरात में पिछला एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) सत्र 1961 में भावनगर में आयोजित किया गया था। इससे पहले 1938 में सूरत जिले के हरिपुरा में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अध्यक्षता में ऐतिहासिक अधिवेशन हुआ था, जिसमें ‘पूर्ण स्वराज’ प्रस्ताव पारित कर भारत की पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की गई थी। कांग्रेस के अन्य महत्वपूर्ण अधिवेशन गुजरात में अहमदाबाद (1902 और 1921) और सूरत (1907) में भी हुए थे, जो देश की आज़ादी की लड़ाई में मील के पत्थर साबित हुए।
86वें कांग्रेस अधिवेशन का दो दिवसीय कार्यक्रम कई महत्वपूर्ण आयोजनों से भरा रहेगा।
8 अप्रैल को सुबह 11:00 बजे कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी), जो पार्टी की सर्वोच्च नीति-निर्धारण संस्था है, शाहिबाग स्थित ऐतिहासिक सरदार स्मारक में बैठक करेगी। इसके बाद शाम 5:00 बजे साबरमती आश्रम में एक प्रार्थना सभा आयोजित होगी, जहां गांधीजी की विचारधारा और स्वतंत्रता संग्राम के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को याद किया जाएगा। शाम 7:45 बजे साबरमती नदी के तट पर स्थित रिवरफ्रंट इवेंट सेंटर में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा, जिसमें गुजरात की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और कांग्रेस आंदोलन में राज्य के योगदान को रेखांकित किया जाएगा।
मुख्य अधिवेशन 9 अप्रैल को साबरमती नदी के किनारे आयोजित होगा, जिसमें देशभर से 3,000 से अधिक प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है। अधिवेशन में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, सीडब्ल्यूसी सदस्य और विशेष आमंत्रित नेता भाग लेंगे।
डॉ. दोशी ने कहा, “यह सिर्फ एक राजनीतिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह गुजरात के लिए एक बार फिर देश को नई दिशा देने का अवसर है। तैयारियां जोरों पर हैं, जनता में उत्साह है, और उम्मीद है कि यह अधिवेशन गुजरात और राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के लिए नई दिशा तय करेगा।”
गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के लिए यह अधिवेशन गौरव का विषय है। लंबे समय से भाजपा के गढ़ बने इस राज्य में कांग्रेस इस आयोजन के माध्यम से अपने राजनीतिक जनाधार को फिर से मजबूत करने की कोशिश में है।
यह भी पढ़ें- अहमदाबाद: कांग्रेस कार्यसमिति की ऐतिहासिक मोती शाह़ी महल में अहम बैठक, तैयारियां जोरों पर