नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर 26% शुल्क लगाने के बाद भारत प्रतिशोधात्मक टैरिफ लगाने की संभावना से दूर नजर आ रहा है। इसके बजाय सरकार अमेरिका के साथ लंबित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने रायटर को यह जानकारी दी।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की इस घोषणा के बाद वैश्विक बाजारों के साथ-साथ भारतीय शेयर बाजार (Dalal Street) भी प्रभावित हुआ है। बुधवार से सेंसेक्स में 1.6% की गिरावट दर्ज की गई है।
अधिकारियों के अनुसार, भारत ट्रंप द्वारा हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेश में शामिल एक महत्वपूर्ण प्रावधान पर भरोसा कर रहा है, जिसमें उन देशों को राहत देने की बात की गई है जो “असमान व्यापार समझौतों को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाते हैं।”
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि भारत को इस बात से संतोष है कि वह अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने वाला पहला देश था। इसके विपरीत, चीन (34%), वियतनाम (46%) और इंडोनेशिया (32%) जैसे एशियाई देशों को अधिक शुल्क का सामना करना पड़ रहा है।
जहां चीन ने 10 अप्रैल से सभी अमेरिकी आयातों पर 34% का जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा की है, वहीं इंडोनेशिया ने कोई प्रतिशोधात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्णय लिया है। वियतनाम, जो चीन के विकल्प के रूप में उभर रहा है, संभावित व्यापार समझौते के तहत अपने टैरिफ को शून्य करने पर सहमत हो गया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “महान मित्र” बताया हो, लेकिन भारत को भी 26% टैरिफ झेलना पड़ा। हालांकि, भारत के लिए राहत की बात यह है कि सेमीकंडक्टर, तांबा और दवाएं (फार्मास्युटिकल्स) अमेरिकी टैरिफ से मुक्त रखे गए हैं। गौरतलब है कि अमेरिका में इस्तेमाल होने वाली लगभग आधी जेनेरिक दवाएं भारत से निर्यात होती हैं।
हालांकि, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो पार्ट्स, रत्न और आभूषण जैसे प्रमुख क्षेत्रों के निर्यात पर असर पड़ सकता है।
भारत सरकार ने इन टैरिफ पर संयमित प्रतिक्रिया दी है, लेकिन विपक्ष ने सरकार की आलोचना की है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि यह टैरिफ भारतीय अर्थव्यवस्था को “पूरी तरह तबाह” कर सकते हैं। उन्होंने मोदी और ट्रंप के बीच “मित्रता” के बावजूद कोई छूट न मिलने पर सवाल उठाया।
इस बीच, अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को लेकर महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। पिछले महीने दोनों देशों ने समझौते के लिए संदर्भ शर्तों (Terms of Reference) पर सहमति जताई है।
अमेरिका को खुश करने के प्रयास में भारत ने हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिलों पर आयात शुल्क 50% से घटाकर 40% कर दिया है और बॉर्बन व्हिस्की पर भी टैरिफ घटाया है। इसके अलावा, भारत ने डिजिटल सेवाओं पर लगने वाला टैक्स, जिसे ‘गूगल टैक्स’ कहा जाता था और जो अमेरिकी टेक कंपनियों को प्रभावित कर रहा था, उसे भी हटा दिया है।
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