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संसदीय समिति ने आयुष्मान वय वंदना योजना के विस्तार और स्वास्थ्य कवरेज को दोगुना करने की सिफारिश की

| Updated: March 14, 2025 15:06

नई दिल्ली: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर संसद की स्थायी समिति ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयुष्मान वय वंदना कार्ड की पात्रता आयु 70 से घटाकर 60 वर्ष करने की सिफारिश की है, जिससे अधिक लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके।

राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव की अध्यक्षता वाली इस समिति ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के तहत वार्षिक स्वास्थ्य कवरेज को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये प्रति परिवार करने की भी सिफारिश की है। हाल ही में केंद्र सरकार ने AB-PMJAY वय वंदना योजना के तहत 4.5 करोड़ परिवारों के 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को शामिल किया है।

प्रदर्शन आधारित फंड आवंटन की सिफारिश

इन सिफारिशों को “स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अनुदान मांगें 2025-26 (अनुदान संख्या 46) पर 163वीं रिपोर्ट” में शामिल किया गया है, जिसे संसद के दोनों सदनों में प्रस्तुत किया गया। रिपोर्ट में राज्यों द्वारा धन के उपयोग की सक्रिय निगरानी की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, ताकि किसी भी क्रियान्वयन संबंधी चुनौती को दूर किया जा सके।

समिति ने सुझाव दिया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को धनराशि का आवंटन उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जाना चाहिए, जिसमें कार्ड निर्माण, अस्पताल में भर्ती और लाभार्थियों की प्रतिक्रिया जैसे मानकों को शामिल किया जाए। इससे संसाधनों का सही उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा।

दावों के निपटान में देरी और पैकेज दरों में संशोधन का मुद्दा

समिति ने पाया कि कई राज्यों में AB-PMJAY के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों के दावों के निपटान में देरी हो रही है और कई राज्यों में पैकेज दरों में उचित संशोधन नहीं किया गया है। इससे मरीजों को इलाज में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और कई अस्पताल इलाज से इनकार कर देते हैं।

इस समस्या को हल करने के लिए, समिति ने सिफारिश की कि जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी पैकेज दरों में संशोधन नहीं किया है, उन्हें 2022 में संशोधित दरों के अनुरूप लाया जाए।

ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने पर जोर

‘आपके द्वार आयुष्मान’ जैसी पहलों पर चर्चा करते हुए, समिति ने कहा कि यह अभियान केवल आयुष्मान कार्ड वितरण तक सीमित नहीं रहना चाहिए। बल्कि, इसका उद्देश्य ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं और सेवा वितरण को मजबूत करना होना चाहिए, ताकि सभी लाभार्थियों को प्रभावी और सुगम स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।

यदि समिति की ये सिफारिशें लागू होती हैं, तो इससे वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में महत्वपूर्ण सुधार होगा और AB-PMJAY के तहत समग्र स्वास्थ्य सेवा वितरण को मजबूत किया जा सकेगा।

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