गांधीनगर: सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजनों को राहत देने के लिए, गुजरात सरकार ने उनके लिए आवासीय सुविधाएँ बनाने का निर्णय लिया है। ये सुविधाएँ राज्य सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों, गुजरात मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च सोसाइटी (GMERS) और सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत निजी संस्थानों के सहयोग से विकसित की जाएंगी।
पहली ऐसी सुविधा अहमदाबाद सिविल अस्पताल परिसर में स्थापित की जाएगी, जो 2,000 से अधिक बेड की क्षमता वाला है। राज्य सरकार इस परियोजना के लिए भूमि उपलब्ध कराएगी, जबकि एक प्रमुख कॉर्पोरेट कंपनी अपने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) पहल के तहत इस भवन का निर्माण करेगी।
सूत्रों के अनुसार, गुजरात सरकार ने इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए कई बैठकें की हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया, “सरकार भूमि प्रदान करेगी और कॉर्पोरेट कंपनियों को उनके CSR प्रोजेक्ट के तहत इन सुविधाओं के निर्माण के लिए जोड़ा जाएगा। यदि उपयुक्त कॉर्पोरेट भागीदार नहीं मिलते, तो सरकार स्वयं इनका निर्माण करेगी।”
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि राज्यभर के लगभग 50 सरकारी अस्पतालों में ये आवासीय सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी। मुख्य सचिव पंकज जोशी ने हाल ही में जिला अधिकारियों और राजस्व एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधियों के साथ इस पहल पर चर्चा की। एक अधिकारी ने बताया, “जिला कलेक्टरों को अस्पताल परिसरों में भूमि की पहचान करने और परियोजनाओं की मांग का आकलन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।”
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने संकेत दिया है कि इन सुविधाओं के निर्माण में सहयोग करने वाले कॉर्पोरेट संस्थान इनके संचालन और प्रबंधन के लिए स्वयंसेवी संगठनों से सहयोग लेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “ये आवासीय सुविधाएँ या तो निःशुल्क होंगी या नाममात्र शुल्क लिया जाएगा। प्रत्येक अस्पताल में उपलब्ध बेड की संख्या के आधार पर कमरों की संख्या निर्धारित की जाएगी।”
इस पहल की आवश्यकता को स्पष्ट करते हुए एक अधिकारी ने कहा, “हर दिन हजारों गरीब और निम्न-आय वर्ग के परिजन सरकारी अस्पतालों में अपने मरीजों से मिलने आते हैं। इनमें से कई को अस्पताल परिसरों या लॉबी में रातें गुजारनी पड़ती हैं क्योंकि उनके लिए कोई ठहरने की सुविधा नहीं होती। यह नई योजना इस गंभीर समस्या का समाधान करेगी और परिजनों को आवश्यक राहत प्रदान करेगी।”