महाराष्ट्र में कैबिनेट के मंत्रालयों को लेकर चल रही खींचतान के बीच, बीजेपी ने एकनाथ शिंदे की शिवसेना को गृहमंत्रालय देने से इनकार कर दिया है। इसके बजाय, शिवसेना को राजस्व, शहरी विकास, और लोक निर्माण विभागों में से चुनने का विकल्प दिया गया है। इस बीच, बीजेपी ने उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजीत पवार को वित्त और योजना विभाग देने का वादा किया है।
गृहमंत्रालय पर बीजेपी का अडिग रुख
बीजेपी के वरिष्ठ सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने अपने सहयोगी शिवसेना को स्पष्ट कर दिया है कि गृहमंत्रालय बीजेपी के पास ही रहेगा। एक बीजेपी सूत्र ने कहा, “बीजेपी ने साफ कर दिया है कि गृहमंत्रालय पार्टी के पास ही रहेगा।”
5 दिसंबर को बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि एकनाथ शिंदे और अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्रियों के रूप में शपथ ली। यह समारोह मुंबई के आजाद मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हुआ। फडणवीस ने मीडिया को बताया कि कैबिनेट विस्तार नागपुर में 16 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले पूरा किया जाएगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह प्रक्रिया 7 से 9 दिसंबर तक चलने वाले तीन दिवसीय विशेष सत्र के बाद कभी भी हो सकती है।
गृहमंत्रालय की मांग पर अड़ी शिवसेना
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना गृहमंत्रालय की मांग को लेकर दबाव बना रही है। शिवसेना का तर्क है कि शिंदे ने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया है, ऐसे में उन्हें गृहमंत्रालय मिलना चाहिए। शिवसेना के प्रमुख नेता गुलाबराव पाटिल, संजय शिरसाट, और भरत गोगावले ने भी सार्वजनिक रूप से शिंदे के लिए गृहमंत्रालय की वकालत की है।
दूसरी ओर, 288 सीटों वाली विधानसभा में 132 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी बीजेपी ने गृहमंत्रालय अपने पास रखने पर जोर दिया है। पार्टी का तर्क है कि केंद्रीय गृहमंत्रालय, जो अमित शाह के पास है, और राज्य गृहमंत्रालय एक ही पार्टी के पास होने से समन्वय आसान हो जाता है।
फडणवीस, जिन्होंने अपने पहले कार्यकाल में गृहमंत्रालय संभाला था, को महाराष्ट्र पुलिस में सुधार लाने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने गुटबाजी और प्रतिस्पर्धा से ग्रस्त पुलिस बल को एकजुट करने के लिए साहसिक कदम उठाए थे।
कैबिनेट में मंत्रालयों का बंटवारा
बीजेपी, शिवसेना, और एनसीपी के महायुति गठबंधन में 30 से 35 मंत्रियों का एक बड़ा कैबिनेट बनने की उम्मीद है। इसमें बीजेपी को 18 से 20 मंत्री पद, शिवसेना को 12 से 14, और एनसीपी को 9 से 11 मंत्री पद मिल सकते हैं। महाराष्ट्र कैबिनेट की अधिकतम सीमा 43 मंत्री है, जिसमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी ऊर्जा, जल संसाधन, आदिवासी कल्याण, आवास, ग्रामीण विकास, ओबीसी कल्याण, और उच्च व तकनीकी शिक्षा जैसे प्रमुख मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है। शिवसेना उद्योग, स्कूली शिक्षा, स्वास्थ्य, और लोक निर्माण विभाग पर ध्यान केंद्रित करेगी, जबकि एनसीपी वित्त, सहकारिता, कृषि, और महिला व बाल कल्याण मंत्रालय अपने पास बनाए रखना चाहती है।
छोटे बदलाव की संभावना
बीजेपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री पद पर शिंदे से फडणवीस में बदलाव के अलावा, कैबिनेट में अन्य बड़े बदलाव नहीं होंगे। उन्होंने कहा, “यह गठबंधन पिछले 2.5 वर्षों से सरकार चला रहा है। ज्यादातर मंत्रालय मौजूदा धारकों के पास ही रहेंगे, हालांकि कुछ विभागों पर चर्चा हो सकती है।”
गृहमंत्रालय को लेकर बीजेपी के कड़े रुख और शिवसेना की मांगों के बीच यह टकराव गठबंधन के भीतर सत्ता संतुलन को उजागर करता है। कैबिनेट विस्तार के अंतिम निर्णय महाराष्ट्र की शासन व्यवस्था के भविष्य को आकार देंगे।
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