अहमदाबाद: मेहता परिवार के टोरेंट ग्रुप के यूएनएम फाउंडेशन द्वारा आयोजित अभिव्यक्ति – द सिटी आर्ट्स प्रोजेक्ट के छठे संस्करण ने 10 दिनों में ही 1 लाख से अधिक दर्शकों का ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल कर लिया है। यह पंद्रह दिवसीय आयोजन अहमदाबाद के सांस्कृतिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है, जो कला और रचनात्मकता का उत्सव मनाता है।
शनिवार को फ्लिपबुक एनीमेशन वर्कशॉप और एक अद्भुत कथक नृत्य प्रदर्शन, जिसमें सूर्य और चंद्रमा की अनोखी प्रेम कहानी को प्रस्तुत किया गया, इस आयोजन के मुख्य आकर्षण रहे।
वर्कशॉप: कला के प्रति उत्साह को बढ़ावा
भारत की पहली लाइव-एक्शन और एनीमेशन फिल्म भगमती की प्रमुख एनीमेटर, कौमुदी सहस्रबुद्धे ने फ्लिपबुक एनीमेशन वर्कशॉप का आयोजन किया।
इस वर्कशॉप में 50 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनकी उम्र 10 वर्ष या उससे अधिक थी। प्रतिभागियों ने विचार-मंथन, रेखाचित्र बनाना और फ्लिपबुक तैयार करने की प्रक्रिया का आनंद लिया। यह वर्कशॉप न केवल बच्चों बल्कि वयस्कों के लिए भी मनोरंजक और सृजनात्मक अनुभव साबित हुई।
प्रमुख आकर्षण: ‘सूर्य और चंद्रमा की कहानी’
कथक नृत्यांगना धरा वनेरा ने अपनी प्रस्तुति सूर्य और चंद्रमा की कहानी से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। intricate पदचालन और भावपूर्ण कहानी के माध्यम से उन्होंने सूर्य और चंद्रमा की प्रेम कहानी को जीवंत किया, जो उनकी भिन्नताओं के बावजूद एक-दूसरे के प्रति अटूट प्रेम को दर्शाती है।
प्रस्तुति में पूर्णिमा से अमावस्या तक चंद्रमा के विभिन्न चरणों को दिखाया गया, जो चुनौतियों के बीच स्थिरता और प्रेम का प्रतीक है। इस प्रस्तुति ने दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी।
दृश्य कला: परंपरा और आधुनिकता का संगम
अभिव्यक्ति में दृश्य कला के क्षेत्र में तीन प्रतिभाशाली कलाकारों की अद्भुत कृतियां भी प्रदर्शित की गईं:
- पृथ्विश दॉ (कोलकाता) ने अपनी स्थापना लिगेसी ऑफ सिटीज के माध्यम से कोलकाता के सामाजिक और सांस्कृतिक विकास की यात्रा प्रस्तुत की। उनके कार्य पारंपरिक और आधुनिकता का मिश्रण हैं, जो शहर की समृद्ध धरोहर को उजागर करते हैं।
- हसन शहरुख (कोटा, राजस्थान) ने भाव नगरी नामक स्थापना के माध्यम से भारतीय पौराणिक कथाओं और भविष्य की विज्ञान-कथा का समन्वय किया। उनकी कला एआई नैतिकता और सामाजिक मूल्यों पर प्रकाश डालती है, जो तकनीकी प्रगति और परंपरा के बीच संतुलन पर चर्चा को प्रेरित करती है।
- अनिल माजमुदार ने अपनी स्थापना कलेक्टिव मेमोरी के जरिए समाज में नोटबंदी के अनुभवों और उनके प्रभाव को चित्रित किया। उनकी कला ने दर्शकों को उन भावनाओं और चुनौतियों की याद दिलाई जो समाज ने अचानक परिवर्तन के दौरान झेली थीं।
सांस्कृतिक उत्सव की झलक
अभिव्यक्ति एडिशन-6 ने अपनी विविध प्रस्तुतियों, वर्कशॉप्स और कलात्मक प्रदर्शनों के माध्यम से कला और समाज के बीच एक गहरा संबंध स्थापित किया है। टोरेंट ग्रुप के यूएनएम फाउंडेशन द्वारा समर्थित यह आयोजन कला के माध्यम से रचनात्मकता और सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देने का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन गया है।
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