महाराष्ट्र में आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेडकर (IAS probationer Puja Khedkar) के जाति और विकलांगता प्रमाण पत्र को लेकर उठे विवाद के बीच गुजरात सरकार ने चार आईएएस अधिकारियों के विकलांगता प्रमाण पत्रों के सत्यापन का आदेश दिया है। इस बीच, सौराष्ट्र की एक महिला आईएएस अधिकारी द्वारा प्रस्तुत किए गए फर्जी विकलांगता कोटा प्रमाण पत्र (fake disability quota certificate) के बारे में सोशल मीडिया पर खबरें छाई हुई हैं।
हालांकि यह मुद्दा सोशल मीडिया और मीडिया रिपोर्टों में वायरल हो गया है, लेकिन अधिकारियों की ओर से इस खबर की कोई आधिकारिक पुष्टि या खंडन नहीं किया गया है।
महिला आईएएस अधिकारी ने कथित तौर पर शारीरिक रूप से विकलांगों के लिए आरक्षित श्रेणी, विशेष रूप से मूक-बधिर श्रेणी के माध्यम से अपना पद हासिल किया। हालांकि, यह आरोप लगाया गया है कि वह बिना किसी स्पष्ट विकलांगता के बोल और सुन सकती है।
इससे आरक्षित श्रेणी में उनके दावे की वैधता को लेकर चिंता पैदा हो गई है।
महिला अधिकारी से फोन और मैसेज के जरिए संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रखी।
विपक्ष के नेता अमित चावड़ा ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आईएएस प्रमाणपत्रों के सत्यापन की मांग की है।
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