यूं तो भूपेंद्र पटेल कैबिनेट को लेकर सूचियों के बाद सूचियां आती जा रही हैं, लेकिन वाइब्स ऑफ इंडिया का मानना है कि पुराने मंत्रियों की वापसी को खारिज करने वाले जिस सिद्धांत की वकालत की जा रही है, वह प्रामाणिक नहीं है। नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के लिए पिछले रूपाणी कैबिनेट में से किसी को भी अपने कैबिनेट में शामिल नहीं करना असंभव लगता है।
अधिकांश मीडिया ने बताया है कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल अपने कैबिनेट में विजय रूपाणी सरकार के एक भी मंत्री को नहीं दोहराएंगे। लेकिन यह बात दूर की कौड़ी लगती है।
सूत्र बताते हैं कि गुजरात में पुराने मंत्रियों को सौ फीसदी नहीं दोहराने वाला तर्क मुख्य रूप से जाति और समुदाय की चिंताओं के कारण गले नहीं उतर रहा है।
हालांकि, यह स्पष्ट है कि वर्तमान कैबिनेट में कम से कम चार पटेल, चार क्षत्रिय, कम से कम एक जैन, न्यूनतम दो ब्राह्मण और कम से कम 12 लोग ओबीसी, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति का प्रतिनिधित्व करेंगे। साथ ही सौराष्ट्र से कम से कम एक मंत्री के अलावा दो महिला मंत्री भी कैबिनेट में निश्चित हैं। कांग्रेस से भाजपा में आने वालों में से कम से कम दो को अबकी भूपेंद्र पटेल कैबिनेट में जगह नहीं मिलने की आशंका है। गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल की रणनीति के अनुसार, “वफादार पार्टी कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा। विजय रूपाणी कैबिनेट में कुल औसत आयु 59 वर्ष थी, जिसके भूपेंद्र पटेल कैबिनेट में कम होने की संभावना है।