वह प्रदेश भाजपा के मुख्यालय यानी कमलम में चौथी पंक्ति के कोने में बैठे थे, जब उनके नाम की घोषणा गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में की गई। दादा-दादा के नारे लगाने वाले लोगों से अचानक कोहराम मच गया। भूपेंद्र पटेल चुपचाप उठे और मंच तक गए। फिर डेढ़ मिनट से भी कम समय का भाषण दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर कयास लगाने में मशगूल गुजरात की पूरी मीडिया को गलत साबित कर दिया। बाजीगर वाली अपनी विशिष्ट शैली में नरेंद्र मोदी ने टोपी से अप्रत्याशित रूप से खरगोश निकाल दिया है। 2017 में पहली बार विधानसभा में प्रवेश करने वाले यानी पहली बार विधायक बनने वाले भूपेंद्र पटेल गुजरात के नए मुख्यमंत्री हैं।
उनका फोन बंद था। वह सुबह फाफड़ा जलेबी नाश्ते के बाद पत्नी और बेटे अनुज से कहा था कि गांधीनगर में बैठक के कारण वह देरी से आ सकते हैं। भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने के बारे में उन्हें भी कोई जानकारी नहीं थी। परिवार ने भी टेलीविजन पर ही देखा।
क्या अनुभवहीनता मायने रखती है? नरेंद्र मोदी 2001 में बिना कभी चुनावी मैदान में उतरे ही मुख्यमंत्री बने थे। इस लिहाज से गुजरात के नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल काफी अनुभवी हैं। भूपेंद्रभाई 2017 में पहली बार विधायक बने।
वह अहमदाबाद और गांधीनगर में हरेक भाजपाई द्वारा स्वीकार किए गए उम्मीदवार हैं। गुजरात के बाहर कोई भी उन्हें नहीं जानता है। भाजपा सूत्रों ने कहा कि उनकी अनुभवहीनता भगवा पार्टी के लिए बड़ी संपत्ति होगी। सूत्रों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी भूपेंद्र पटेल की नियुक्ति से खुश हैं। इससे पहले भूपेंद्र पटेल अहमदाबाद नगर निगम और अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण से जुड़े रहे हैं।
शिलाज के आर्यमन रेजीडेंसी में रहने वाले सभी लोग चकित हैं। आश्चर्यचकित हो वे कहते हैं, “हमारे भूपेंद्रभाई गुजरात के सीएम बन गए हैं।”
भूपेंद्रभाई जब गुरुकुल के पास गुलाब टावर में रहते थे, तो सब्जी विक्रेता मणिलाल से अक्सर सब्जियां खरीदते थे। वह वाइब्स ऑफ इंडिया को प्रतिक्रिया देने वाले पहले व्यक्ति थे। कहा, “भगवान उन्हें आशीर्वाद दें। वह बहुत अच्छे इंसान हैं।”
भूपेंद्रभाई को गुजरात के सबसे जूनियर विधायकों में से एक माना जाता है। बहुत ही सौम्य, मृदुभाषी, जमीन से जुड़े भूपेंद्रभाई कम बोलने वाले व्यक्ति हैं। वह बयानबाजी नहीं करते हैं।
अपने डेढ़ मिनट के भाषण में उन्होंने कहा कि वह अपने सभी वरिष्ठों और पार्टी सदस्यों के आभारी हैं और नरेंद्र भाई मोदी के सक्षम नेतृत्व में पार्टी को अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे।
भूपेंद्रभाई रविवार को ही शाम में छह बजे राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। भूपेंद्रभाई पटेल का शपथ ग्रहण सोमवार को दो उपमुख्यमंत्रियों और करीब 15 मंत्रियों के साथ होगा। दो उपमुख्यमंत्री ओबीसी और आदिवासी क्षेत्रों से हो सकते हैं।
भूपेंद्रभाई ने एक वार्ड सदस्य के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और हमेशा भाजपा से जुड़े रहे। उन्होंने तत्कालीन शहर कांग्रेस अध्यक्ष शशिकांत पटेल को 1.17 लाख मतों के भारी अंतर से हराकर घाटलोडिया विधानसभा सीट जीती थी।
भूपेंद्र पटेल की नियुक्ति के साथ भाजपा ने एक पटेल, एक शहरी चेहरा, एक शिक्षित, स्वच्छ, गैर-विवादास्पद व्यक्तित्व दिया है।
भूपेंद्रभाई शायद ही गुजरात के बाहर जाने जाते हैं और उनके नए मंत्रिमंडल में कई वरिष्ठों को छोड़ने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि भूपेंद्रभाई इतने विनम्र हैं कि सीएम बनने के बाद वह खुद सभी विधायकों को साहेब कहकर धन्यवाद देते हुए उनके पास चले गए।
भूपेंद्रभाई ने पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और गुजरात राज्य भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल को धन्यवाद दिया।
आधार कार्ड से लेकर अस्पताल में दाखिले तक विधायक और उससे पहले पार्षद के तौर पर भूपेंद्र भाई सभी की मदद के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में दूसरी कोविड लहर के दौरान भूपेंद्रभाई को दो हजार से अधिक लोगों की अलग-अलग तरीकों से मदद करने का श्रेय दिया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि भूपेंद्रभाई की मीडिया और कांग्रेस के हलकों में भी काफी सकारात्मक छवि है।
भूपेंद्रभाई के विधानसभा में प्रवेश की भी एक दिलचस्प कहानी है। 2017 में चर्चा थी कि घाटलोडिया सीट का टिकट पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की बेटी अनार को दिया जाएगा। इसका अमित शाह गुट के लोगों ने विरोध किया। इसलिए पीएम नरेंद्र मोदी ने दोनों को सर्वसम्मति से उम्मीदवार तय करने को कहा। इस तरह भूपेंद्र पटेल को टिकट मिला और वह विधायक बने। भूपेंद्र पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले कदवा पटेल हैं। उनकी नियुक्ति पाटीदार आंदोलन और पाटीदारों को आकर्षित करने वाली आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका है।
भूपेंद्र पटेल पूरी तरह से गैर-विवादास्पद व्यक्ति हैं। उनके खिलाफ कोई आपराधिक या भ्रष्टाचार की शिकायत नहीं है। हलफनामे में घोषित उनकी संपत्ति 5.20 करोड़ रुपये है।
और हां, गुजरात के नवनियुक्त मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल के बीच क्या समानता है? जहां सीआर पाटिल ने दक्षिण गुजरात के नवसारी से देश में सबसे अधिक 6.89 लाख के अंतर से संसदीय चुनाव जीता, वहीं भूपेंद्रभाई ने 1.17 लाख के भारी अंतर से घाटलोडिया सीट जीती, जो गुजरात के विधानसभा चुनावों में सबसे अधिक जीत का अंतर था।